क्रिकेट इतिहास में ड्रेस कोड उल्लंघन के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं
दिल्ली,संवाददाता : भारत के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए शतक लगाया। उन्होंने कप्तानी का शानदार आगाज करते हुए पहले दिन 127 रनों की नाबाद पारी खेली। जिसकी मदद से भारत ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक तीन विकेट के नुकसान पर 359 का स्कोर बना लिया। हालांकि, इस दमदार शुरुआत के बीच गिल ड्रेस कोड उल्लंघन को लेकर चर्चा में आ गए हैं।
इस कारण विवादों में फंसे गिल
टेस्ट क्रिकेट में पारंपरिक सफेद ड्रेस कोड की पहनना होता है। ऐसे में गिल शुक्रवार को काले रंग के मोजे पहनकर बल्लेबाज़ी करते हुए दिखाई दिये। जो इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन माना जा रहा है। आईसीसी क्लॉज 19.45 के मुताबिक, टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ियों को केवल सफेद, क्रीम या हल्के भूरे रंग के मोजे पहनने की अनुमति है। यह नियम मई 2023 में मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की सिफारिश पर लागू किया गया था।
मैच रेफरी रिची रिचर्डसन लेंगे अंतिम फैसला
गिल का यह कदम अगर जानबूझकर किया गया लेवल एक अपराध माना गया, तो 10 से 20% तक मैच फीस का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, अगर यह अनजाने में हुआ, जैसे कि सफेद मोजों के गीले होने या अनुपलब्ध होने के कारण, तो उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता है। इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय मैच रेफरी रिची रिचर्डसन के पास है।
क्रिकेट में ड्रेस कोड उल्लंघन कोई नई बात नहीं
क्रिकेट इतिहास में ड्रेस कोड उल्लंघन के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। 2016 में क्रिस गेल को बिग बेश लीग (BBL) में काले रंग के बल्ले के उपयोग पर 10% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया था, हालांकि वह आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट नहीं था।
केएल ने भी किया था उलंघन
साल 2018 में भारत और अफगानिस्तान के बीच खेले गए टेस्ट मैच के दौरान भारतीय बल्लेबाज़ केएल राहुल को ऐसा हेलमेट पहनते हुए पाया गया, जो ICC के सेफ्टी मानकों और ड्रेस कोड नियमों के अनुरूप नहीं था। इस उल्लंघन के चलते राहुल को अपनी मैच फीस का 10% जुर्माना देना पड़ा था।
इमाम उल हक और जो रूट को भी भुगतना पड़ा जुर्माना
वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच खेले गए मुकाबले के दौरान पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज इमाम उल हक को विज्ञापन क्षेत्र पर अनधिकृत (अनऑथराइज्ड) लोगो के उपयोग के कारण आईसीसी द्वारा मैच फीस का 15% जुर्माना लगाया गया था। यह घटना खिलाड़ियों के प्रायोजक संबंधी नियमों के उल्लंघन से जुड़ी थी।