आध्यात्मिक आस्था और राष्ट्रीय गौरव का अद्भुत संगम बना 79वां स्वतंत्रता दिवस
वाराणसी,संवाददाता : 79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला, जब भगवान श्री विश्वनाथ का तिरंगा श्रृंगार किया गया। यह श्रृंगार केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि काशी की आत्मा में बसी देशभक्ति की भावना का जीवंत प्रतीक था। तिरंगे के रंगों में सजे भोलेनाथ के दर्शन से श्रद्धालुओं के मन में भक्ति के साथ-साथ राष्ट्र प्रेम का भाव और प्रबल हो उठा। मंदिर परिसर में उपस्थित भक्तों ने “भारत माता की जय” और “हर हर महादेव” के जयघोष से वातावरण गुंजायमान कर दिया।
आस्था और राष्ट्रभावना का संगम
इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अधिकारियों और कार्मिकों ने पूरे आयोजन को श्रद्धा और गरिमा के साथ संपन्न कराया। मंदिर प्रशासन ने बताया कि यह श्रृंगार हमारी सांस्कृतिक, धार्मिक और राष्ट्रीय पहचान को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास है, ताकि आने वाली पीढ़ियां यह समझ सकें कि धर्म और देशभक्ति दोनों ही हमारे जीवन के आधार स्तंभ हैं।
देशभक्ति का संदेश
तिरंगा श्रृंगार ने एक प्रेरक संदेश दिया कि जब हम अपनी आस्था और राष्ट्रीय गौरव को एक साथ जीते हैं, तभी सच्चे अर्थों में स्वतंत्रता का उत्सव पूर्ण होता है। काशी के इस अनुपम आयोजन ने यह साबित कर दिया कि चाहे वह मंदिर की घंटियां हों या राष्ट्रगान की धुन, दोनों ही हमारे हृदय में समान आदर और जोश जगाते हैं।