पति से अनबन के बाद उसने दूसरी शादी की, लेकिन वह भी नहीं चली
झांसी, संवाददाता : झांसी जिले के किशोरपुरा गांव में उस समय सनसनी फैल गई जब एक कुएं से महिला का धड़ बोरे में बंद हालत में बरामद हुआ। सिर और पैर गायब होने के कारण शव की पहचान मुश्किल हो गई थी, लेकिन पुलिस की 18 टीमों की गहन जांच के बाद मृतका की पहचान मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले की रहने वाली रचना यादव (35) के रूप में हुई।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह दिल दहला देने वाली हत्या टोड़ीफतेहपुर के महेवा गांव के पूर्व प्रधान संजय पटेल ने अपने भतीजे संदीप पटेल और एक अन्य साथी प्रदीप अहिरवार के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने संजय और संदीप को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि प्रदीप फरार है।
प्यार, पैसों की मांग और फिर ब्लैकमेलिंग

रचना यादव विवाहित थी और उसके दो बच्चे हैं। पति से अनबन के बाद उसने दूसरी शादी की, लेकिन वह भी नहीं चली। वर्ष 2023 में रचना ने अपने दूसरे पति शिवराज यादव और उसके भाई पर बलात्कार व हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। इसी मुकदमे की पैरवी के दौरान उसकी मुलाकात संजय पटेल से हुई। संजय ने उसकी मदद की और दोनों के बीच प्रेम संबंध शुरू हो गया।
जांच के अनुसार, रचना संजय से लगातार पैसों की मांग कर रही थी और उस पर शादी करने का दबाव भी बना रही थी। संजय पहले से विवाहित था और रचना की मांगों से परेशान होकर उसने उसे मारने की साजिश रच डाली।
हत्या की खौफनाक साजिश
9 अगस्त को संजय, उसका भतीजा संदीप और साथी प्रदीप रचना को घुमाने के बहाने कार में ले गए। रास्ते में ही संजय ने कार के अंदर गला घोंटकर रचना की हत्या कर दी। इसके बाद तीनों ने शव को किशोरपुरा गांव के एक कुएं के पास ले जाकर धारदार हथियार से सात टुकड़ों में काटा। शव के टुकड़ों को तीन बोरियों में भरकर कुएं में फेंक दिया गया, जिनमें ईंटें भी डाली गईं ताकि टुकड़े पानी में तैर न सकें। सिर और पैर सहित चार टुकड़े उन्होंने रेवन गांव के पास नदी में फेंक दिए।
शव की पहचान और खुलासा
13 अगस्त को किसान विनोद पटेल ने कुएं से आ रही बदबू पर ध्यान दिया और पुलिस को सूचना दी। कुएं से दो बोरियां मिलीं, जिनमें शव के बीच वाले हिस्से थे। सिर और पैरों की अनुपस्थिति के कारण पहचान मुश्किल थी। जांच के दौरान पुलिस महेवा गांव पहुंची, जहां एक व्यक्ति ने शव को रचना यादव होने की आशंका जताई। बाद में रचना के भाई ने उसकी पुष्टि की।
रचना के भाई ने बताया कि हत्या के बाद संजय ने उसे फोन कर यह स्वीकारा था कि उसने रचना की हत्या कर दी है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने संजय और संदीप को गिरफ्तार किया और उनकी निशानदेही पर नदी से बाकी टुकड़े भी बरामद कर लिए गए।