धर्म और अधर्म पर गूंजे शास्त्रार्थ, युवाओं में दिखा विशेष उत्साह

बौनाभारी,संवाददाता : श्री वामन धाम बौनाभारी में इन दिनों चल रहे श्री विराट विष्णु महायज्ञ में आध्यात्मिक वातावरण चरम पर है। यज्ञाध्यक्ष डॉ. बृजेश शुक्ल शास्त्री जी महाराज ने अपने दिव्य प्रवचन में कहा, “कर्मानुसार ही व्यक्तित्व बनता है। जो धर्म के मार्ग पर चलता है, उसकी उन्नति निश्चित है और अधर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति पतन को प्राप्त होता है।”
उन्होंने आगे कहा,
“बुरे काम का बुरा नतीजा न मानो तो कर देखो, जिन्होंने बुरा किया है जाकर उनके घर देखो।”
संत तुलसीदास जी की वाणी उद्धृत करते हुए उन्होंने बताया:
“प्रथम भक्ति सन्तन कर संगा, दुसरि रति मम कथा प्रसंगा।”
यज्ञ स्थल पर आए कथा व्यास प्रेममूर्ति श्री रामानुजाचार्य जी महाराज ने अपनी भावपूर्ण कथा से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं भजन सम्राट श्री सर्वेश कुमार मिश्र जी के सुमधुर भजनों पर जनसमूह झूम उठा। नैमिष धाम से पधारे यज्ञाचार्य श्री धीरज शास्त्री जी, शिवम् शास्त्री जी, सोनू शास्त्री जी, गोविन्द शास्त्री जी एवं त्र्यंबकेश्वर नारायण जी जैसे विद्वानों ने वैदिक मंत्रों के साथ हवन एवं पूजन संपन्न करवाया।
हर दिन सायं 6:30 बजे महाआरती तथा महा परिक्रमा का आयोजन होता है जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस धार्मिक आयोजन का सकारात्मक प्रभाव युवा पीढ़ी पर विशेष रूप से देखने को मिल रहा है। वामन धाम सेवा समिति द्वारा आगंतुकों का यथोचित स्वागत-सम्मान किया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष श्री राम नरेश शुक्ला जी ने बताया कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन व प्रवास की समुचित व्यवस्था धाम परिसर में की गई है। दैनिक प्रसाद वितरण की व्यवस्था समिति एवं भक्तों के सहयोग से अनवरत चल रही है। यह महायज्ञ न केवल धार्मिक चेतना का वाहक है, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी कर रहा है।