एसी बना रहा राहत के साथ आफत, बढ़ रही बीमारियां
सीतापुर,संवाददाता : जून की तपती गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। जिले में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुँच चुका है। इस झुलसाती गर्मी से राहत पाने के लिए लोग तेजी से एयर कंडीशनर (एसी) का सहारा ले रहे हैं, लेकिन यह राहत कोढ़ में खाज का काम कर रही है।
वाहनों में एसी से बाहर फेंकी जा रही गर्म हवा
सड़कों पर दौड़ते हजारों चारपहिया वाहनों में एसी का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। वाहन के अंदर भले ही ठंडक हो, लेकिन उनके कंडेन्सर से बाहर निकलने वाली गर्म हवा बाहरी वातावरण का तापमान और बढ़ा रही है। यही हाल घरों का भी है – घरों में चलने वाली एसी भले ही कमरों को ठंडा करती हैं, लेकिन उनकी गर्म हवा आसपास के वातावरण को तपाने का काम कर रही है।
कैसे काम करता है एसी?
विशेषज्ञ बताते हैं कि एसी का कार्य कमरे की हवा को ठंडा करना होता है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह हवा से नमी (Humidity) भी सोख लेता है। नमी संघनन के रूप में बदलकर बाहर फेंकी जाती है, जिससे हवा की आर्द्रता घट जाती है और वातावरण और अधिक शुष्क हो जाता है। मछरेहटा सीएचसी के प्रभारी डॉ. कमलेश ने बताया कि अधिक समय तक एसी में रहना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
“एसी स्किन, बाल, नाक और गले में ड्राईनेस बढ़ाता है। इससे शरीर की म्यूकस मेम्ब्रेन पर असर पड़ता है, जो वायरस और बैक्टीरिया से हमारी रक्षा करती है।”
उन्होंने बताया कि नाक, मुंह, फेफड़ों और आंतों की परत जब सूख जाती है, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है और व्यक्ति संक्रमण का शिकार हो सकता है।
क्या है समाधान?
- एसी का सीमित उपयोग करें
- समय-समय पर खिड़की-दरवाज़े खोलकर वेंटिलेशन करें
- घर में पौधे लगाकर नमी संतुलन बनाए रखें
- पर्याप्त पानी पीते रहें