जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने शीतलहर के चलते खुले में ना सोने के दिए थे निर्देश
रायबरेली,संवाददाता : शीतलहर के बीच खुले आसमान तले सो रहे बुजुर्ग की मौत ने जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। सोमवार रात शहर कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर एक 60 वर्षीय अज्ञात बुजुर्ग की मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई, जब प्रशासन ने रैन बसेरों में रहने के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन बुजुर्ग ने खुले में सोने का चयन किया। रायबरेली के जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने शीतलहर में किसी भी व्यक्ति को खुले में सोने से रोकने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे, लेकिन यह घटना उनके निर्देशों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा करती है। मृतक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, हालांकि बताया जा रहा है कि वह पिछले डेढ़ महीने से रेलवे स्टेशन पर रह रहा था।
दुकानदारों के अनुसार, मृतक अपनी दिनचर्या में केवल दूध और पानी का सेवन करता था। रेलवे स्टेशन परिसर में रैन बसेरा बनवाया गया था, जहां सभी आवश्यक इंतजाम किए गए थे, लेकिन रैन बसेरा संचालक की नजर इस बुजुर्ग पर नहीं पड़ी। वह मंदिर के किनारे कंबल ओढ़कर सो रहा था। रात की ठंड में उसकी मौत हो गई, ऐसा अनुमान जताया जा रहा है। मृतक की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थाना सदर कोतवाली प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सवर्ण सिंह ने मामले में कहा कि रैन बसेरे में नगर पालिका द्वारा सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मृतक की मौत के कारण की जानकारी मिलने के बाद ही वे और कोई बयान देंगे।