ऑस्ट्रेलिया और हिंदुजा समूह के साथ साइन किया एमओयू
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में अग्रणी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट बिजली सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से उत्पादित की जाए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने हाल ही में स्मार्ट एनर्जी काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया और हिंदुजा समूह के साथ एमओयू साइन किया है।
सरकार का मानना है कि इस कदम से परंपरागत बिजली स्रोतों पर निर्भरता कम होगी और राज्य में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। सोलर पैनल निर्माण, इंस्टालेशन, रखरखाव, ट्रांसमिशन और ग्रिड एकीकरण जैसे क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को नौकरियां मिलेंगी। इसके तहत सोलर मित्र योजना भी शुरू की जा चुकी है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2017 में प्रदेश में मात्र 288 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा परियोजनाओं से प्राप्त हो रही थी, जो अब दस गुना से अधिक हो चुकी है। सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत 2200 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नगर निगमों में बनेंगे सोलर पार्क
सभी नगर निगमों में सोलर पार्क स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा एक्सप्रेसवे और रेलवे ट्रैक के किनारों पर भी सोलर ग्रिड लगाए जाएंगे। स्ट्रीट लाइट्स को भी सोलर से संचालित किया जाएगा और ट्रांसमिशन नेटवर्क को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
अयोध्या बनेगी ‘सोलर सिटी’, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे होगा ‘सोलर एक्सप्रेसवे’
सरकार अयोध्या को सूर्यवंशी भगवान श्रीराम की स्मृति में सोलर सिटी के रूप में विकसित कर रही है। नोएडा और बाकी सभी 16 नगर निगमों को भी चरणबद्ध तरीके से सोलर सिटी में तब्दील किया जाएगा। झांसी, जालौन, चित्रकूट, ललितपुर, कानपुर नगर एवं देहात में सोलर पार्क बनने की योजना है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की दिशा में काम शुरू हो चुका है। इसके साथ-साथ सरकार रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट्स को भी निरंतर प्रोत्साहन दे रही है।