महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की कमी से भी महिला अपराधों को रोकने में आ रही है कठिनाई
भोपाल,संवाददाता : महिला अपराधों के आंकड़ों के मामले में भोपाल शहर ने एक चिंताजनक स्थिति पैदा की है, जहां सुरक्षा के तमाम दावे और वादों के बावजूद महिला अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। यह बात और भी गंभीर हो जाती है जब प्रदेश के पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भोपाल शहर में सबसे ज्यादा 114 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं, जो प्रदेश में सबसे अधिक हैं। पीएचक्यू के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में कुल 1284 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं, जिनमें से 114 भोपाल शहर में हैं। यह आंकड़ा इस बात का संकेत देता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भोपाल शहर का हिस्सा सबसे बड़ा है। टीटी नगर थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा हॉटस्पॉट पाए गए हैं, जबकि यह क्षेत्र प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों जैसे पीएचक्यू, मंत्रालय और विधानसभा भवन के नजदीक स्थित है। इसके अलावा, सागर में 97 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं।
महिला सुरक्षा की राह में अनेकों चुनौतियाँ
महिला अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच महिला सुरक्षा की चुनौती और भी गंभीर हो गई है। सबसे बड़ा मुद्दा पुलिस तंत्र की कमजोरी है। पुलिस का खुफिया तंत्र कमजोर होने के कारण अपराधों पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो रहा है। महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की कमी और थानों में पर्याप्त पुलिस बल की न होने से भी महिला अपराधों को रोकने में कठिनाई आ रही है। इसके अलावा, नए दौर के अपराध जैसे एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और साइबर अपराधों के मामले में पुलिस तंत्र कमजोर साबित हो रहा है। महिला पुलिसकर्मियों की कमी के कारण थानों में महिलाएं अपनी शिकायतें और समस्याएं बताने में असहज महसूस करती हैं। यह स्थिति महिला अपराधों के मामले में और जटिल हो जाती है, क्योंकि ऐसे मामलों में एक महिला पुलिसकर्मी की आवश्यकता होती है, जो महिलाओं के साथ बेहतर तरीके से संवाद कर सके और उनकी समस्याओं का समाधान कर सके।
हॉटस्पॉट चिह्नित करने की प्रक्रिया
महिला अपराधों को रोकने के लिए प्रदेशभर के थानों का डाटा तैयार किया जाता है, जिसमें महिला अपराधों के मामलों की संख्या और गंभीरता का मूल्यांकन किया जाता है। इसके बाद, उन क्षेत्रों को चिह्नित किया जाता है जहां सबसे ज्यादा अपराध हो रहे हैं और उन क्षेत्रों को हॉटस्पॉट की श्रेणी में डाला जाता है।