बरामद चरस की कीमत करीब ₹10 लाख आंकी गई है।
लखनऊ, संवाददाता : नेपाल की वीरगंज जेल में बंद पिता के कहने पर नेपाली चरस की तस्करी करने वाले बेटे को यूपी एसटीएफ ने मंगलवार रात विभूतिखंड इलाके से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के साथ उसका साथी भी पकड़ा गया। दोनों के पास से करीब डेढ़ किलो चरस, ₹1500 नकद, दो मोबाइल फोन और आधार कार्ड बरामद हुए। बरामद चरस की कीमत करीब ₹10 लाख आंकी गई है।
डीएसपी एसटीएफ प्रमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि सूचना मिली थी कि दो युवक चरस लेकर कानपुर से लखनऊ होते हुए गोरखपुर जा रहे हैं। सूचना के आधार पर एसटीएफ टीम ने छानबीन करते हुए विराज टॉवर, विभूतिखंड के पास से दोनों को धर दबोचा।
आरोपियों की पहचान
पूछताछ में दोनों ने अपनी पहचान मनीष तिवारी (निवासी – रकौली खजूरी, खजनी, बिहार) और सुधीर पांडेय (निवासी – पिअरपुरवा मढौरा, सारण, बिहार) के रूप में बताई। मनीष ने बताया कि उसके पिता संतोष पिछले ढाई वर्षों से वीरगंज (नेपाल) की जेल में सड़क हादसे के मामले में बंद हैं। इसी जेल में आरोपी सुधीर भी करीब दो साल बंद रहा था। वहीं पर सुधीर की पहचान वीरगंज निवासी संजीत शाह से हुई, जो नेपाल से यूपी के कई जिलों में चरस सप्लाई करता है।
अधूरी डील
जेल से छूटने के बाद, संतोष के कहने पर मनीष और सुधीर नौबस्ता, कानपुर से चरस लेने गए। संजीत शाह द्वारा 10 किलो चरस की डील तय की गई थी, लेकिन पूरी रकम न मिलने पर सिर्फ करीब डेढ़ किलो माल ही सौंपा गया। चरस की डिलिवरी गोरखपुर में रोहतक, हरियाणा निवासी बलजीत उर्फ ताऊ को होनी थी। एसटीएफ अब बाकी आरोपियों और नेटवर्क की जांच में जुटी है। विभूतिखंड थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।