विपक्ष असंतुष्ट, सरकार के जवाब के बाद सपा का वॉकआउट
लखनऊ,संवाददाता : विधान परिषद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को शिक्षा व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। नियम 105 के तहत सपा के नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने परिषदीय विद्यालयों के विलय, बेसिक शिक्षा के गिरते स्तर और निजी व सरकारी स्कूलों में प्रवेश आयु समान करने की मांग को लेकर सवाल उठाए। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में ढाई से तीन करोड़ बच्चे शिक्षा से वंचित थे। पूर्ववर्ती सरकारों ने स्कूल तक पहुंच की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, 706 स्कूलों में सोलर ऊर्जा, 12255 स्कूलों में हैंड वॉशिंग यूनिट और 53154 विद्यालयों में शौचालयों की सुविधा दी गई है।
विलय पर सफाई
विद्यालयों के मर्जर पर मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित करना नहीं है। जहां छात्र विद्यालय तक नहीं पहुंच पा रहे, ऐसे स्कूलों का विलय नहीं किया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों के समुचित प्रयोग हेतु मर्जर की नीति अपनाई जा रही है। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि सरकार शिक्षा को कारोबार समझ रही है। यदि किसी विद्यालय में केवल पांच बच्चे भी हैं तो भी वह बंद नहीं होना चाहिए। उन्होंने एनसीईआरटी की पुस्तकों की अनुपलब्धता का मुद्दा भी उठाया और मांग की कि निजी दुकानों पर भी पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं।
एक सेक्शन में 800 छात्राएं, केवल सात शिक्षक
उन्होंने बलिया के एक बालिका विद्यालय का उदाहरण देते हुए बताया कि एक सेक्शन में 800 छात्राएं पढ़ रही हैं और केवल सात शिक्षक हैं। मानक से अधिक प्रवेश पर रोक लगाने और कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य करने की मांग भी सदन में रखी गई। सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा कि समाजवादी कार्यकर्ता बच्चों को शिक्षित करने के लिए ‘पीडीए पाठशाला’ चला रहे हैं, लेकिन उन पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
मदरसे और जकात का मुद्दा
लाल बिहारी यादव ने कहा कि सरकार ने मदरसों को मिलने वाला अनुदान बंद कर दिया है, फिर भी मुस्लिम समाज जकात के पैसे से उन्हें चला रहा है। इसके बावजूद सरकार जांच करा रही है, जो गलत है। शिक्षक दल के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए सेवा नियमावली बनाए जाने और समान कार्य के लिए समान वेतन देने की मांग की। राज्य मंत्री गुलाब देवी ने सरकार की ओर से तथ्यों से सदन को अवगत कराया।
संसोधित नियमावली पर चर्चा की मांग
निर्दलीय सदस्य राजबहादुर सिंह चंदेल और डॉ. आकाश अग्रवाल ने माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा वित्तविहीन विद्यालयों को दी जा रही मान्यता के नियमों में संशोधन की मांग उठाई। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए विषय को सरकार को संदर्भित किया। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को विधान परिषद में भाजपा के विजय बहादुर पाठक, डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त और अनूप कुमार गुप्ता ने बधाई दी। सभापति ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सदन की ओर से शुभकामनाएं दीं।