छुट्टी न मिलने और निलंबन के कारण तनाव व अवसाद
सुल्तानपुर, संवाददाता : एसआईआर ड्यूटी के दौरान लेखपाल साथी की मौत पर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ, सुल्तानपुर आक्रोशित दिखाई दिया। शुक्रवार को संघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम सदर को सौंपकर विरोध जताया और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
संघ के अध्यक्ष सुनील सिंह ने बताया कि फतेहपुर में तैनात 2024 बैच के लेखपाल सुधीर कुमार का विवाह 26 नवंबर को तय था। वे छुट्टी के लिए लगातार अधिकारियों से निवेदन कर रहे थे, लेकिन तहसील अधिकारियों ने एसआईआर ड्यूटी का हवाला देकर छुट्टी नहीं दी। 22 नवंबर को एसआईआर की बैठक में अनुपस्थित रहने पर ईआरओ संजय कुमार सक्सेना द्वारा उनका निलंबन करा दिया गया था।
25 नवंबर की सुबह 6:30 बजे, डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार सक्सेना और नायब तहसीलदार के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक शिवराम उनके घर पहुंचे और कहा कि— “एसडीएम साहब ने कहा है कि एसआईआर और अन्य कार्य पूरा कर दो, या पैसे देकर किसी और से करवा दो, नहीं तो निलंबन के बाद सेवा समाप्त कर दी जाएगी।” लगातार फटकार, शादी से पहले छुट्टी न मिलना, निलंबन और फिर सेवा समाप्ति की धमकी से मानसिक रूप से दबाव में आए सुधीर कुमार ने अवसाद में आकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। उनके परिवार समेत दो घर उजड़ गए।
संघ ने इसे आत्महत्या नहीं बल्कि असंवेदनशीलता से कारित मौत बताया है। मृतक की बहन द्वारा एफआईआर की मांग और लेखपालों के विरोध के बावजूद 30 घंटे तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। परिजनों ने आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज न होने पर अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। 26 नवंबर को प्रशासन ने कथित रूप से परिजनों की तहरीर बदलवाकर एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन मुख्य आरोपी संजय कुमार सक्सेना (पीसीएस) का नाम शामिल नहीं किया गया और सिर्फ राजस्व निरीक्षक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। संघ ने इसे मामला कमजोर करने का प्रयास बताया।
ज्ञापन में कहा गया कि लेखपाल अनुशासित कर्मचारी होते हुए भी अधिकारी उन्हें अन्य विभागों के अतिरिक्त कार्य सौंपते हैं और अत्यधिक दबाव, डांट-फटकार, दुर्व्यवहार, वेतन रोक, निलंबन और एफआईआर जैसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। इससे लेखपालों में बीपी, शुगर, एंजाइटी, डिप्रेशन और हार्ट अटैक जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगें
- मुख्य आरोपी संजय कुमार सक्सेना (पीसीएस) का नाम एफआईआर में अज्ञात के स्थान पर नामजद किया जाए।
- मृतक की मां को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
- मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
- एसआईआर की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए, क्योंकि कम समय में अत्यधिक दबाव कर्मचारियों के जीवन के लिए खतरा बन रहा है।
- अधीनस्थ कर्मचारियों/लेखपालों के साथ सद्व्यवहार, संवाद और संवेदनशीलता सुनिश्चित की जाए।
- निर्वाचन कार्य, उपनिर्वाचन और पुनरीक्षण ड्यूटी के दौरान लेखपालों को एक माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि दी जाए।
लेखपाल संघ ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।























