बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजीव गंगवार ने सभी के लिए जमानत याचिका दायर की
बरेली, संवाददाता : नवाबगंज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक डॉ. एमपी आर्य ने गुरुवार को आठ वर्ष पुराने एक मामले में एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। उनके साथ आधा दर्जन अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी कोर्ट में सरेंडर किया। सुनवाई के पश्चात अदालत ने सभी को जमानत दे दी।
यह मामला वर्ष 2015 का है, जब डॉ. एमपी आर्य को भाजपा का टिकट न मिलने से नाराज़ उनके समर्थकों ने पार्टी के झंडे और पोस्टर जलाकर विरोध दर्ज किया था। इस विरोध प्रदर्शन के बाद दर्ज कराई गई प्राथमिकी में डॉ. एमपी आर्य सहित भाजपा नेता विनोद गुप्ता, श्याम रस्तोगी, पूर्व विस्तारक संजीव गंगवार, शोभित गुप्ता, सोनू गंगवार, उमाकांत, भद्रसेन, नीरज शुक्ला, केदारनाथ आचार्य और आनंद प्रकाश को नामजद किया गया था। पहले यह मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट नवाबगंज की अदालत में विचाराधीन था, लेकिन डॉ. एमपी आर्य के विधायक बनने के बाद इसे एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों में से तीन — नीरज शुक्ला, केदारनाथ आचार्य और आनंद प्रकाश — का निधन हो गया। शेष आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किए थे, जिसके अनुपालन में सभी ने गुरुवार को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजीव गंगवार ने सभी के लिए जमानत याचिका दायर की, जिस पर बहस के बाद अदालत ने जमानत मंजूर कर ली। आवश्यक जमानती शर्तें पूरी करने के बाद सभी को रिहा कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, विधायक डॉ. एमपी आर्य के खिलाफ वर्ष 2022 में कोविड नियमों के उल्लंघन का एक और मामला दर्ज था। उस समय उन्होंने अपने कार्यालय का उद्घाटन समारोह आयोजित किया था, जिसमें भारी भीड़ जमा हुई थी। तत्कालीन मजिस्ट्रेट चंदन लाल द्वारा दर्ज कराए गए इस मामले में भी कोर्ट ने डॉ. आर्य को जमानत दे दी है।