विदेशी धरती पर बोले पीएम, अवसरों का निर्माण करने वाली धरती बन गयी है भारत
न्यूयॉर्कः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की यात्रा के दूसरे दिन रविवार को न्यूयॉर्क के नसाऊ काउंटी के यूनियनडेल में नसाऊ कोलेजियम पहुंचे। यहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों द्वारा आयोजित कार्यक्रम मोदी एंड यूएस में जुटी 15 हजार से अधिक की भीड़ को संबोधित किया। संबोधन के दौरान कहा कि कहा कि “अब अपना नमस्ते भी मल्टीनेशनल हो गया है। लोकल से ग्लोबल हो गया है और ये सब आपने किया है। अपने दिल में भारत को बसा कर रखने वाले हर भारतीय ने ये किया है। आपका ये प्यार मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। कहा, मुझे वो दिन याद आते हैं जब मैं प्रधानमंत्री भी नहीं था, मुख्यमंत्री भी नहीं था और नेता भी नहीं था। उस समय जिज्ञासु के तौर पर मैं यहां आया करता था। जब मैं किसी पद पर नहीं था, उससे पहले भी मैं अमेरिका के करीब 29 प्रांतों में दौरा कर चुका था।” भारत को अवसरों का निर्माण करने वाली धरती बताते हुए आज कहा कि मानवता, आध्यात्म, प्रगतिशीलता, अडिगता एवं समृद्धि की पांच पंखुड़ियों के बल पर भारत विकसित बनेगा।
कहा, मैं हमेशा से भारतीय समुदाय के सामर्थ्य को समझता हूं :
मोदी ने कहा कि वह हमेशा से भारतीय समुदाय के सामर्थ्य को समझता रहे हैं। उन्होंने कहा, “आप मेरे लिए हमेशा से भारत के सबसे मजबूत बैंड एंबेसेडर रहे हैं। इसलिए मैं आप सबको राष्ट्रदूत कहता हूं। आपने भारत को अमेरिका से और अमेरिका को भारत से जोड़ा है। आपका कौशल, प्रतिभा और प्रतिबद्धता बेजोड़ है। विदेश में रहते हुए भी कोई महासागर आपको भारत से अलग नहीं कर सकता।”
जहाँ भी जाता हूँ परिवार की तरह घुल मिल जाता हूँ:
मोदी ने कहा कि हम जहां भी जाते हैं, सबको परिवार मानकर उनसे घुल मिल जाते हैं। विविधता को समझना, जीना, उसे अपने जीवन में उतारना… ये हमारे संस्कारों में है। कोई तमिल बोलता है… कोई तेलुगु, कोई मलयालम, तो कोई कन्नड़ा… कोई पंजाबी, कोई मराठी तो, कोई गुजराती… भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक है… और वो भाव है- भारतीयता। उन्होंने कहा कि हम उस देश के वासी हैं, जहां सैकड़ों भाषाएं और बोलियां हैं, दुनिया के सारे मत और पंथ हैं। फिर भी हम एक बनकर, नेक बनकर आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यही मूल्य, हमें सहज रूप से ही विश्व-बंधु बनाते हैं।
मोदी ने कहा, “दुनिया के लिए एआई का मतलब है-
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। लेकिन मैं मानता हूं कि एआई का मतलब है- अमेरिकन इंडियन। यही तो दुनिया का एआई पावर है। यही एआई भावना भारत-अमेरिका के रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहा है।” उन्होंने याद किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बिडेन उन्हें अपने घर ले गए थे, उनकी आत्मीयता, उनकी गर्मजोशी… दिल छू लेने वाला मौका रहा। ये सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का है, ये सम्मान आपका है और आपके पुरुषार्थ का है।