मंत्री जयवीर सिंह ने कहा – भगवान राम के आदर्श विश्वभर में प्रासंगिक
लखनऊ,संवाददाता :उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, जयवीर सिंह ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अंतरराष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव की शुरुआत की। इस आयोजन में उन्होंने भगवान राम के जीवन के आदर्शों को न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक बताया।
मंत्री ने कहा, “भगवान राम के आदर्श, उनकी मर्यादा और धर्म पर आधारित शिक्षाएं आज भी पूरी दुनिया में प्रासंगिक हैं। इस तरह के आयोजन हमारी नई पीढ़ी को रामायण के मूल्यों से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं, जिससे वे अपने जीवन में इन्हें अपना सकें।”
रामायण के शिक्षाओं का महत्व
कॉन्क्लेव के दौरान जयवीर सिंह ने भारतीय संस्कृति और विरासत के संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन भारतीय सभ्यता के गौरव को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होते हैं।
अभिनेता आशुतोष राणा द्वारा नाटक ‘हमारे राम’ का मंचन
कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद अभिनेता आशुतोष राणा द्वारा अभिनीत नाटक ‘हमारे राम’ का मंचन हुआ। यह नाटक भगवान राम के आदर्शों और उनकी मर्यादा को दर्शाता है, जो दर्शकों को न केवल मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि जीवन में उनके विचारों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित भी करता है।
इस अवसर पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम, संस्कृति निदेशक शिशिर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
अभिनेता आशुतोष राणा का बयान
कार्यक्रम से पहले अभिनेता आशुतोष राणा ने कहा, “भगवान श्री राम के दर्शन करने के लिए रावण की दृष्टि चाहिए। भगवान राम की कथा हमें जोड़ने का काम कर रही है और जब हमारी व्यथा समाप्त हो जाती है, तब वही कथा आनंद देती है। हम ‘हमारे राम’ के रूप में इस कथा का संचार कर रहे हैं ताकि लोग इसका सही रूप से अनुभव कर सकें।”
इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि रामायण के शिक्षाएं और भगवान राम के आदर्श आज भी विश्वभर में लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं और इस तरह के आयोजन उनकी प्रासंगिकता को और बढ़ाते हैं।