मेट्रो कॉरिडोर के साथ ही एमआर-10 से सुपर कॉरिडोर को जोड़ने वाला ब्रिज बन चुका है
इंदौर संवाददाता : इंदौर शहर में लवकुश चौराहे पर डबल डेकर ब्रिज का काम तेजी से चल रहा है। जुलाई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन काम काफी पीछे है। करीब 50% काम ही पूरा होने का अनुमान है। यहां मुख्य चौराहे पर मेट्रो ट्रैक के ऊपर करीब 23 मीटर की ऊंचाई पर 60 मीटर लंबी गर्डर डालने की तैयारी है इसके लिए ट्रैफिक को रोककर काम होगा। यह ब्रिज प्रदेश में अपनी तरह का पहला अनोखा ब्रिज है, जो सेगमेंट पर बन रहा है। मुख्य चौराहे व आसपास स्टील गर्डर लगाई जा रही है।
बनेगा ‘डबल डेकर ब्रिज ‘
सांवेर और उज्जैन को जोड़ने के लिए डबल डेकर ब्रिज बनाया जा रहा है। सांवेर रोड की ओर तेजी से काम चल रहा है। चौराहे के पहले स्टील गर्डर डाल दी गई है, वहीं मुख्य चौराहे पर 60 मीटर लंबी गर्डर रखी जाएगी। आइडीए सीइओ आरपी अहिरवार के मुताबिक, ट्रैफिक रोककर गर्डर लांच करेंगे। इसकी प्लानिंग में थोड़ा समय लग रहा है।
ब्रिज के नीचे से गुजरेगी मेट्रो
सांवेर रोड से लवकुश चौराहे की ओर ब्रिज का काफी काम हो गया है, लेकिन लवकुश चौराहे से उज्जैन की ओर काम काफी बचा है। अब इस क्षेत्र में तेजी से काम होगा। लवकुश चौराहा एक्सीडेंट का डेंजर जोन है। यहां मेट्रो कॉरिडोर के साथ ही एमआर-10 से सुपर कॉरिडोर को जोड़ने वाला ब्रिज बन चुका है। मेट्रो कॉरिडोर के ऊपर से डबल डेकर ब्रिज बनाना जा रहा है। आमतौर पर सामान्य ब्रिज की ऊंचाई 12 मीटर होती है, लेकिन इस ब्रिज की चौराहे पर ऊंचाई 23 मीटर है, यानी डबल। कारण है कि ब्रिज के नीचे से मेट्रो गुजरेगी। मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर रहेगा, जिसके ऊपर से डबल डेकर ब्रिज पर वाहन चलेंगे। करीब 175 करोड़ से यह ब्रिज बन रहा है। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे ब्रिज की एक लेन पर 36 पीलर रहेंगे।