उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी कई चुनौतीपूर्ण कार्य किए
लखनऊ, संवाददाताः अपराध शाखा-अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआईडी) यूपी के पुलिस महानिदेशक डॉ. एसएन साबात साल के अंतिम दिन मंगलवार को रिटायर हो गए। कुंभ मेला-2019 के लिए उत्कृष्ट भीड़ प्रबंधन और फुल प्रूफ सुरक्षा के लिए नेतृत्व प्रदान करने में डॉ. साबत की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्हें यूपी सरकार द्वारा कुंभ मेला-2019 की यातायात सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होनें धरती के इस मेगा इवेंट के लिए सभी पुलिस व्यवस्थाओं का नेतृत्व किया, जो दुर्घटना मुक्त था, जिसमें जनवरी-मार्च, 2019 में 50 दिनों की अवधि में अनुमानित 24 करोड़ लोगों ने भाग लिया था। कुंभ मेले में उनके उतकृष्ट योगदान की प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री और कुंभ-मेला में आने वाले आम लोगों ने सराहना की।

सराहनीय रहा कार्यकालः
डॉ. एस.एन साबत, आईपीएस (1990 यूपी), वर्तमान में 08 मई, 2024 से अपराध शाखा-अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआईडी) यूपी के पुलिस महानिदेशक हैं। इससे पहले एक अप्रैल 2023 से सात मई 2024 तक डीजी यूपी जेल के रूप में भी काम किया है। जनवरी 2022 से 31 मार्च 2023 तक डीजी विजिलेंस, यूपीपीसीएल के रूप में कार्य किया है। वे इलेक्ट्रॉनिक्स में विशेषज्ञता के साथ (भौतिकी) में स्नातकोत्तर हैं, वे यूजीसी जेआरएफ थे। उनके पास प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा, बीएचयू से फ्रेंच में एडवांस डिप्लोमा और सीसीएस यूनिवर्सिटी, मेरठ से मानवाधिकार में डॉक्टरेट की उपाधि भी है।उन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई चुनौतीपूर्ण कार्य किए। अयोध्या, वाराणसी के ए.एस.पी, 90 के दशक की शुरुआत में आगरा शहर के पुलिस अधीक्षक, जालौन और मिर्जापुर जिले में एस.पी, वाराणसी, इटावा, मुजफ्फरनगर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और वाराणसी, कानपुर और मिर्जापुर में पुलिस उप-महानिरीक्षक आदि।
उन्होंने भारत सरकार के तहत सीआरपीएफ के आईजी के रूप में भी काम किया और कई राज्यों में नक्सल ऑपरेशन का कुशल नेतृत्व किया। बाद में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड में एडीजीपी के रूप में, उन्होंने यूपी पुलिस की प्रौद्योगिकी संचालित पारदर्शी भर्ती नीति और पुलिस कर्मियों की निष्पक्ष और शीघ्र पदोन्नति में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया।डॉ. साबत एडीजी प्रयागराज जोन के रूप में प्रयागराज और चित्रकूट धाम रेंज में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालते थे। डॉ. साबत ने अगस्त 2019 से जनवरी 2022 तक एडीजी लखनऊ जोन के रूप में लखनऊ जोन के अंतर्गत 11 जिलों की कानून व्यवस्था की देखरेख की। वे फरवरी 2020 में लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो-2020 के नोडल अधिकारी थे और राम जन्म भूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दौरान अयोध्या जिले की कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रभारी भी थे। उन्होंने इस अवधि के दौरान अयोध्या के मामलों को पूरी तरह से शांतिपूर्ण और शालीनता से प्रबंधित किया।
ये मेडल और पुरस्कार मिले-
डॉ. साबत ने 2001-2002 में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के एक भाग के रूप में कोसोवो, यूगोस्लाविया में संयुक्त राष्ट्र संगठन में सेवा की और 2001 में संयुक्त राष्ट्र शांति पदक और 2002 में संयुक्त राष्ट्र शांति पदक के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। वह 2007 में इटली में संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित उच्च स्तरीय प्रशिक्षण में भी भागीदार थे। वह एनपीए में एमसीटीपी-5 प्रशिक्षण में भागीदार रहे थे जो जुलाई-अगस्त 2015 में वाशिंगटन डीसी और आईएसबी हैदराबाद में किया गया था।उन्हें 2014 में विशिष्ट सेवा के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुलिस पदक, 2006 में भारत के राष्ट्रपति का सराहनीय सेवा पदक, 2012 और 2013 और 2014 में डीजी सीआरपीएफ प्रशस्ति डिस्क से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2004-2005 में मानवाधिकार पर हिंदी में रचनात्मक लेखन के लिए भारतीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली (द्विवार्षिक राष्ट्रीय पुरस्कार) से भी सम्मानित किया गया था। ‘भारतीय संस्कृति में मानवाधिकार की अवधारणाएँ पर उनके काम के लिए उन्हें वर्ष 2015 के लिए ‘पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया, जिसकी घोषणा मार्च 2016 में मानवाधिकार पर उनकी पुस्तक के लिए की गई थी। उन्हें 2016, 2018 और 2019 में डीजीपी यूपी कमेंडेशन सिल्वर, गोल्डन और प्लैटिनम डिस्क भी मिल चुके हैं। उन्हें 2020 में कुंभ सेवा पदक और 2021 में यूपी मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। उन्हें गृह मंत्रालय द्वारा 2023 में अति उत्कृष्ट सेवा पदक भी मिला। उत्तर प्रदेश में कैदियों के सुधार, पुनर्वास और पुन: एकीकरण के लिए कौशल विकास और प्रयासों हेतु पुलिस महानिदेशक, यूपी जेल (2023-24) के रूप में असाधारण योगदान के लिए प्रतिष्ठित स्कॉच पुरस्कार प्राप्तकर्ता।
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके नाम हैं कई प्रकाशन-
डॉ. साबत सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर गहन विचारक हैं और अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके कई प्रकाशन हैं। वे एसवीपी राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद, आंतरिक सुरक्षा अकादमी, माउंट आबू, बीएचयू आईआईटी और अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पुलिसिंग में प्रौद्योगिकी, भीड़ प्रबंधन, मानवाधिकार, महिला अधिकार, सामुदायिक पुलिसिंग, संघर्ष प्रबंधन, साइबर अपराध और अन्य पुलिस संबंधी विषयों पर व्याख्यान देने के लिए अतिथि संकाय हैं।
कुंभ मेले पर केस स्टडी के साथ राज्य पुलिस और सीएपीएफ के बीच समन्वय पर दिया व्याख्यान-
डॉ. साबत ने 11-12 सितंबर, 2023 के बीच आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बीपीआरएंडडी द्वारा आयोजित अमृत काल में जेलों और सुधार सेवाओं पर 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत की जेलों में भीड़भाड़ से निपटने की रणनीतियों पर व्याख्यान दिया।उन्होंने 07-08 अक्टूबर, 2023 के बीच देहरादून में आयोजित भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में भी भाग लिया और कुंभ मेला – 2019, प्रयागराज पर एक केस स्टडी के साथ राज्य पुलिस और सीएपीएफ के बीच समन्वय पर व्याख्यान दिया।उन्होंने 18 नवंबर, 2023 को आईआईटी मंडी, हिमाचल प्रदेश में कुंभ मेला-2019, प्रयागराज में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और साइबर अपराध की रोकथाम पर व्याख्यान दिया।उन्होंने 5-7 जनवरी, 2024 के बीच जयपुर, राजस्थान में डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन में भी भाग लिया और भविष्य की जेल अवसंरचना पर व्याख्यान दिया।तुलनात्मक राजनीति और राजनीतिक सिद्धांत केंद्र, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन स्कूल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा 15 और 16 जुलाई, 2024 को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान “कुंभ मेले के प्रबंधन” पर ऑनलाइन प्रस्तुति की।