मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर की गई 12 लाख रुपये की ठगी
लखनऊ,संवाददाता : सुशांत गोल्फ सिटी में रहने वाले सेवानिवृत्त भारतीय रेलवे यातायात सेवा अधिकारी कमल कुमार सक्सेना साइबर अपराधियों के जाल में फंस गए। उन्हें आठ दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने का डर दिखाकर 12 लाख रुपये ठग लिए गए। कमल कुमार, जो ओमेक्स रेजीडेंसी में रहते हैं और रेलवे के महाप्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, ने बताया कि छह दिसंबर को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने अपना नाम राहुल सिंह बताया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर का गलत इस्तेमाल हुआ है, जिसके बाद दिल्ली पुलिस को शिकायत दर्ज कर दी गई है। इसके बाद, एक अन्य कॉल में खुद को सीबीआई अधिकारी नवजोत सिमी बताने वाले व्यक्ति ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कमल कुमार का नाम लेने और 12 लाख रुपये जमा करने का दबाव डाला। डर और दबाव में आकर, उन्होंने दो बार में कुल 12 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जालसाजों ने कमल कुमार से उनके निवेश की जानकारी मांगी और उनके डिमैट खाते से 90 लाख रुपये के शेयर बेचवाए, साथ ही 40 लाख रुपये और ट्रांसफर करने को कहा। जब 16 दिसंबर को जालसाजों ने फिर से पैसे ट्रांसफर करने का दबाव डाला, तो कमल कुमार को यह मामला संदिग्ध लगा और उन्होंने परिवार को सूचना दी। इसके बाद उन्हें समझ में आया कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं।
सावधानी बरतें:
- अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें।
- सरकारी एजेंसियों के नाम पर पैसे मांगने वालों से सतर्क रहें।
- किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम थाने में शिकायत करें।
- अपने निवेश और बैंकिंग जानकारी किसी से साझा न करें।
कहां करें शिकायत?
- साइबर क्राइम थाने: निकटतम साइबर पुलिस स्टेशन जाएं।
- टोल-फ्री नंबर: 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
- ऑनलाइन पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।