परियोजना पर ₹20.39 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण और विकास कार्य किए गए हैं
गोरखपुर, संवाददाता : गोरखपुर शहर के उत्तरी छोर पर स्थित चिलुआताल, जो वर्षों तक उपेक्षा और बदहाली का शिकार रहा, अब पर्यटन के एक नए और आकर्षक केंद्र में तब्दील हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन और निर्देशों के तहत चिलुआताल घाट का पुनरुद्धार रामगढ़ताल की तर्ज पर कराया गया है, जो पहले से ही शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है।
पर्यटन विभाग के अनुसार, चिलुआताल परियोजना पर ₹20.39 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण और विकास कार्य किए गए हैं। विभाग के उप निदेशक राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि अब तक 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष कार्य भी तेजी से पूरे कराए जा रहे हैं। चिलुआताल घाट को न सिर्फ एक पर्यटन स्थल के रूप में, बल्कि स्थानीय रोजगार के केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। घाट पर कियोस्क (छोटे दुकानों/स्टॉल) की व्यवस्था की गई है, जिससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।
इस स्थान की बदली तस्वीर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो लोग पहले यहां आने से कतराते थे, वे अब सुबह-शाम सैर के लिए चिलुआताल घाट का रुख कर रहे हैं। अभी आधिकारिक लोकार्पण से पहले ही आमजन इसका लुत्फ उठा रहे हैं। पर्यटन विभाग की योजना है कि चिलुआताल घाट का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों जल्द कराया जाए। इसके बाद यह स्थल गोरखपुर के पर्यटन नक्शे पर और मजबूती से उभरेगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार की उस नीति को भी दर्शाती है, जिसमें neglected क्षेत्रों को विकसित कर पर्यटन, रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को एक साथ मजबूती दी जा रही है।