मानसिक बीमारी से जूझ रहे हृदिक की छह हफ्ते तक अस्पताल में लड़ाई के बाद मौत
लखनऊ संवाददाता : कुन्नुमपुरम (वंचियूर) क्षेत्र में किराए के मकान में रहने वाले 28 वर्षीय हृदिक की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। 50 लाख रुपये की लग्जरी सुपरबाइक की जिद इतना भयानक रूप ले गई कि 9 अक्टूबर को घर में हुए झगड़े में उसकी जान चली गई।
पुलिस और परिवार के मुताबिक, हृदिक लंबे समय से गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रहा था। वह बार-बार माता-पिता पर हमलावर हो जाता था, घर में तोड़फोड़ करता था, लेकिन सामाजिक कलंक के डर से परिवार ने कभी उसका इलाज नहीं कराया और बीमारी को छुपाकर रखा।
कर्ज लेकर पहले भी दिलाई गई बाइक
परिवार पहले ही कर्ज लेकर हृदिक को 12 लाख रुपये की मोटरसाइकिल दिला चुका था। इस बार जन्मदिन से पहले उसने 50 लाख रुपये वाली नई सुपरबाइक की मांग की और जबरदस्त हंगामा शुरू कर दिया।
9 अक्टूबर को विवाद इतना बढ़ गया कि हृदिक ने अपने पिता विनयनंदन (स्थानीय कैंटीन संचालक) पर चाकू से हमला कर दिया। खुद की रक्षा में विनयनंदन ने लोहे की रॉड से हृदिक के सिर पर वार किया। गंभीर चोट लगने के कारण हृदिक कोमा में चला गया।
छह हफ्ते बाद मौत
लगातार छह सप्ताह तक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद सोमवार सुबह हृदिक ने दम तोड़ दिया। मौत के बाद पुलिस ने पिता विनयनंदन के खिलाफ दर्ज IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) को बदलकर धारा 302 (हत्या) में तब्दील कर दिया। घटना के तुरंत बाद विनयनंदन को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
























