साजिश के आरोपों से मचा हड़कंप
ढाका/नई दिल्ली, संवाददाता : बांग्लादेश में पिछले साल बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री पद और देश दोनों छोड़ने पड़े। राजनीतिक अस्थिरता और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच वह अपनी बहन शेख रेहाना के साथ भारत आईं और तब से भारत सरकार की सुरक्षा और शरण में रह रही हैं। उनके जाने के बाद देश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया।
अमेरिकी दखल को लेकर उठे सवाल
हसीना सरकार के पतन के बाद से ही बांग्लादेश में यह चर्चा रही कि राजनीतिक परिवर्तन के पीछे विदेशी दखल, विशेषकर अमेरिका की भूमिका, हो सकती है। हाल ही में शेख हसीना के करीबी और पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने मीडिया में दावा किया कि “विदेशी प्रभाव” ने बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि उन्होंने जो नाम लिए, उनकी पुष्टि स्वतंत्र या आधिकारिक स्रोतों द्वारा नहीं की गई है।
अंतरिम सरकार की भूमिका पर भी निगाहें
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार फिलहाल देश के प्रशासनिक ढांचे को संभाल रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश बांग्लादेश में लोकतांत्रिक चुनावों की बहाली की अपील कर रहे हैं। भारत सरकार ने अब तक शेख हसीना के भारत में रहने को लेकर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।























