60 साल से अधिक के नेताओं को नहीं मिलेगा मौका
लखनऊ,संवाददाता : उत्तराखंड में भाजपा ने जिलाध्यक्ष पद के लिए नई आयु सीमा तय की है, जिसके तहत अब 60 साल से अधिक उम्र के नेता जिलाध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। पार्टी ने यह निर्णय संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया के दौरान लिया है, जो 25 फरवरी तक मंडल अध्यक्षों और 28 फरवरी तक जिलाध्यक्षों के चयन के लिए निर्धारित है।
इस नए नियम के तहत भाजपा में अब 45 से 60 साल के नेताओं को ही जिलाध्यक्ष बनने का अवसर मिलेगा, जबकि मंडल अध्यक्षों के लिए आयु सीमा 35 से 45 साल निर्धारित की गई है। इससे कई पुराने नेताओं को झटका लग सकता है, क्योंकि उन्हें अपनी पदवी छोड़नी पड़ सकती है। भा.ज.पा. ने यह भी साफ किया है कि जिलाध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों के लिए सिर्फ दो कार्यकाल ही निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा, पार्टी ने यह भी ध्यान रखा है कि हर जिले में सामाजिक समीकरण का संतुलन बनाए रखा जाए। भा.ज.पा. के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर चौहान ने बताया कि पार्टी 2027 के चुनावी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत संगठन बनाने की दिशा में काम कर रही है।
ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी जाएगी जो पार्टी के प्रति निष्ठावान हैं और जो संगठनात्मक चुनावों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। इन नए मानकों से भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिनसे नये और युवा नेताओं को अवसर मिलेगा।