संत को अपनी संवेदना का ध्यान रखना चाहिए और उसके प्रति सजग भी रहना चाहिए
भोपाल,संवाददाता : प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन बड़ा हादसा हुआ, भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। इस मामले पर बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र शास्त्री के विवादित बयान सामने आया था। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री को भारी विरोध झेलना पड़ा। अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी धीरेंद्र शास्त्री के बयान को लेकर भड़क गई हैं। बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ में जान गंवा चुके श्रद्धालुओं को लेकर बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि गंगा किनारे मरने वाले लोगों को मोक्ष मिलता है, इसलिए इसे हादसा नहीं मोक्ष माना जाना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री के इस विवादित बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उमा ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान से वे सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘कुंभ में स्नान से मोक्ष मिलता है, यह बात सही है लेकिन वहां लोग कुचल कर, तड़प-तड़प कर मरे हैं, यह मोक्ष नहीं है। जो लोग जीवित हैं, उनके परिवार वाले भगदड़ में तड़प-तड़प कर मर गए, उन्होंने कौन सा पाप किया था?’ यही नहीं उमा भारती ने धीरेंद्र शास्त्री को हिदायत भी दी। उन्होंने कहा कि ‘मुझे लगता है संत को अपनी संवेदना का ध्यान रखना चाहिए और उसके प्रति सजग भी रहना चाहिए।’
भगदड़ के पीछे षड्यंत्र की आशंका
उमा भारती ने कहा, कमिश्नर का वीडियो सामने आ रहा है, जिसमें वे लोगों से स्नान करने की अपील कर रहे हैं। इसके बाद अचानक बैरिकेड हटा के लोग दौड़ पड़ते हैं। वहां बहुत लोग मरे हैं, यह सत्य है। अचानक भगदड़ की स्थिति कैसे बनी या किसने बनाई, यह बात सामने आनी चाहिए। जो हुआ वह बेहद दुखद और बेहद शर्मनाक। उमा भारती ने आगे कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ हमारे लिए दुखद बात है कि हम उनके जीवन को नहीं बचा सके। जांच एजेंसियां निष्पक्ष रूप से जांच कर रही हैं। जल्द ही नतीजे सामने आएंगे और पता लगेगा कि भगदड़ कैसे हुई। उमा भारती ने कहा कि लाशों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।