अखाड़ों के छावनी में प्रवेश के साथ ही हो जाती है कुंभ की औपचारिक शुरुआत
प्रयागराज,संवाददाता : निरंजनी अखाड़े की छावनी यात्रा में आज श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिला। इस यात्रा में हाथी, घोड़े और बाजे-गाजे के साथ श्रद्धालु रास्ते भर अखाड़े के नागा संतों का स्वागत करते रहे। अखाड़े के नागा संत शरीर पर भभूत धारण कर अस्त्र-शस्त्र लहराते हुए सबसे आगे चल रहे थे, जबकि हाथी, घोड़े और ऊंट पर सवार होकर वे सनातन की पताका लहराते हुए यात्रा में शामिल हुए। यात्रा की शुरुआत अल्लापुर के बाघंबरी मठ से हुई, और यह मेला क्षेत्र की ओर बढ़ती गई। पेशवाई के दौरान सबसे आगे निरंजनी अखाड़े के आराध्य भगवान कार्तिकेय की पालकी थी। इस भव्य यात्रा में देशभर से आए कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसमें संगीत और संस्कृति के विविध रंग दिखाई दिए।
आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद सरस्वती ने पेशवाई की अगुवाई की और विशाल रथ पर सवार होकर यात्रा में शामिल हुए। इस अवसर पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए थे। अखाड़े के सचिव रामरतन गिरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “पेशवाई हमारे अखाड़े का वैभव है। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। पेशवाई के बाद कुंभ मेला शुरू हो जाएगा और शाही स्नान की तैयारी भी की जाएगी।” पेशवाई में देश के विभिन्न हिस्सों से आए संतों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। अब धीरे-धीरे अखाड़ों की पेशवाई समाप्त होने के बाद कुंभ मेला की शुरुआत होगी, जिसमें सभी अखाड़ों के साधु संत और नागा संन्यासी शाही स्नान के लिए तैयार होंगे।