चार फरवरी तक प्रयागराज संगम आने वाले सभी चार पहिया वाहन को रोक दिया गया है
प्रयागराज,संवाददाता : प्रयागराज के संगम क्षेत्र में हाल ही में हुई भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति को तुरंत नियंत्रित किया। इस घटना में करीब 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिनमें एक पुलिस जवान भी शामिल है। घटना संगम के खंभा क्रमांक 11 से खंभा क्रमांक 17 तक 200 मीटर के इलाके में हुई, जहां जन दबाव के कारण बैरिकेड टूटने से कुछ लोग घायल हो गए और कुछ बुजुर्ग श्रद्धालु मारे गए। इस घटना के बाद प्रशासन ने 4 फरवरी तक सभी चार पहिया वाहनों के संगम आने पर रोक लगा दी है और वीआईपी व वीवीआईपी मेला पास रद्द कर दिए हैं। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए त्वरित कार्रवाई की। प्रशासन का कहना है कि भगदड़ के दौरान पुलिस पर झूठे आरोप लगाए गए, जबकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी उपाय किए। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि अगर पुलिस ने बल प्रयोग किया होता, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी और कई लोग अधिक संख्या में मारे जा सकते थे। हालांकि, प्रशासन द्वारा सिर्फ निवेदन के माध्यम से स्थिति को संभाला गया। इसके बावजूद कुछ असमाजिक तत्वों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिससे यह घटना घटित हुई।
प्रशासन ने बताया कि मेला क्षेत्र में रास्ते अब खोल दिए गए हैं और घायलों का इलाज किया जा रहा है। इस समय मेला पूरी तरह से नियंत्रण में है। प्रशासन ने यह भी कहा कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और हर संभव मदद देने की बात कह चुके हैं। इस घटनाक्रम में विपक्ष की ओर से की जा रही राजनीति पर प्रशासन ने तीखी प्रतिक्रिया दी, और कहा कि इस कठिन समय में हर किसी को एकजुट होकर काम करना चाहिए, न कि राजनीति करनी चाहिए।