बिहार में गरजे मुख्यमंत्री, कहा – अब बिहार में माफिया नहीं, बुलडोज़र का राज चलेगा
लखनऊ,संवाददाता : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जोशीले भाषणों ने सोमवार को बिहार का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया। एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में उन्होंने केवटी, मुजफ्फरपुर, गरखा और दीघा विधानसभा क्षेत्रों में चार विशाल जनसभाओं को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महागठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “गांधीजी के तीन बंदर थे — बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो। लेकिन इंडी गठबंधन के तीन बंदर हैं — पप्पू, टप्पू और अप्पू। एक सच देख नहीं सकता, एक सच सुन नहीं सकता और एक सच बोल नहीं सकता।” योगी ने कहा कि इन नेताओं को मोदी जी का विकास, गरीबों का कल्याण और देश की विरासत का सम्मान दिखाई नहीं देता।
“अब बिहार में माफिया नहीं, बुलडोज़र का राज चलेगा”
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद ने बिहार को जातीय हिंसा, माफियातंत्र और भ्रष्टाचार की आग में झोंक दिया था। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और राजद ने न केवल बिहार की पहचान को कलंकित किया, बल्कि मां जानकी और भगवान श्रीराम के अस्तित्व तक को नकारकर हिंदू आस्था का अपमान किया।” योगी ने कहा, “कांग्रेस कहती है कि भगवान राम थे ही नहीं, आरजेडी ने रामभक्तों पर लाठीचार्ज कराया और सपा ने गोलियां चलवाईं। लेकिन हमने कहा था – ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, और आज भव्य राम मंदिर बन चुका है।”
‘1992 से 2005 तक बिहार अराजकता का प्रतीक था’
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1992 से 2005 तक बिहार नरसंहार, अपहरण और अराजकता से बदनाम हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि “अब वैसा बिहार लौटने नहीं देंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश का संबंध त्रेता युग से रोटी-बेटी का रहा है। “जब उत्तर प्रदेश आगे बढ़ता है, तब बिहार भी प्रगति करता है। आज डबल इंजन की सरकार ही बिहार में रामराज्य जैसा विकास दे सकती है।”
मुख्यमंत्री योगी के भाषण के प्रमुख बिंदु
- कांग्रेस-राजद ने राम और जानकी के अस्तित्व तक को नकारा, हिंदू आस्था का अपमान किया।
- 1992–2005 में छह दर्जन नरसंहार और 30,000 अपहरण हुए, वही शासन फिर लौटाना चाहते हैं।
- जयप्रकाश नारायण की पत्नी के नाम पर अस्पताल एनडीए सरकार ने बनवाया, महागठबंधन ने सिर्फ नाम भुनाया।
- अयोध्या–सीतामढ़ी फोरलेन के लिए 6,155 करोड़ रुपये स्वीकृत — विकास और आस्था का संगम।
- 2026 तक नक्सलवाद समाप्त कर स्वर्णिम बिहार का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।























