शहरी क्षेत्रों का लैंड रिकॉर्ड तैयार कर ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाए
लखनऊ,संवाददाता : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिये कि अविवादित वरासत के मामलों का निस्तारण अधिकतम 15 कार्यदिवस के भीतर किया जाए। राजस्व विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में शनिवार को मुख्यमंत्री ने दो महत्वपूर्ण बिंदुओं ‘राजस्व वादों के समयबद्ध निस्तारण और भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण’ को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि इन कार्यों को प्रत्येक स्तर पर तीव्र गति से पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि भूमि संबंधी विवादों का शीघ्र समाधान न केवल जनविश्वास, बल्कि राज्य में निवेश और विकास के लिए भी आवश्यक है, वहीं लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त और उत्तरदायी शासन प्रणाली की नींव है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शेष भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण शीघ्र पूर्ण किया जाए और शहरी क्षेत्रों का लैंड रिकॉर्ड तैयार कर उसे प्राथमिकता से ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाए।
उन्होंने राजस्व परिषद के पोर्टल की रीडिजाइनिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल और परिणाममूलक होना चाहिए। साथ ही लेखपाल से लेकर आयुक्त स्तर तक एकीकृत डैशबोर्ड विकसित करने का निर्देश दिया, ताकि विभागीय निगरानी सरल हो सके और आमजन को सीधा लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्राधिकरणों के लैंडयूज डेटा को खतौनी पर प्रदर्शित किया जाए और धारा 80 के अंतर्गत भू-उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया जाए। नामांतरण वादों को पूर्णतः ऑटोमेट किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे नागरिकों को सुगमता और समयबद्ध न्याय प्राप्त होगा।