ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र- सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र
लखनऊ : अगले हफ्ते दीपावली का पर्व मनाया जाएगा लेकिन दीपावली की तारीख को लेकर बाजारों में भी असमंजस की स्थिति है। कोई संस्था 31 अक्टूबर, तो कोई 1 नवंबर को दीपावली मनाने की तैयारियों में जुटी है। भ्रम की वजह यह है कि इस साल कार्तिक अमावस्या दो दिन पड़ रही है। आईए पंडित जी से जानेंगे दीपावली का शुभ मुहूर्त क्या है I
प्रदोष व रात्रि में अमावस्या होने से 31 अक्टूबर की रात्रि को ही दीपावली है, 1 नवंबर दिन शुक्रवार को सायं 5:12 तक अमावस्या तिथि है 1 नवंबर के संध्या समय एवं रात्रि में अमावस्या नहीं है इसलिए एक नवंबर को दीपावली ना होकर 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी
दीपोत्सवस्य वेलायां प्रतिपद् दृश्यते यदि।
सा तिथिर्विबुधैस्त्याज्या यथा नारी रजस्वला॥
दीपोत्सव के समय यदि प्रतिपदा दिख जाए तो उस दूषित तिथि को त्याग कर देना चाहिए।
आषाढ़ी श्रावणी वैत्र फाल्गुनी दीपमालिका।
नन्दा विद्धा न कर्तव्या कृते धान्यक्षयो भवेत्॥
आषाढ़ी पूर्णिमा, रक्षाबंधन, होली और दीपावली को कभी भी प्रतिपदा से विद्ध नहीं करना चाहिए वरना धन धान्य का क्षय होता है। इसके अतिरिक्त स्कंदपुराण के द्वितीय भाग वैष्णवखंड के कार्तिकमहात्म्य के 10वें अध्याय “दीपावली कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा महात्म्य” नामक अध्याय के श्लोक क्रमांक 11 में भगवान श्री ब्रह्माजी ने स्पष्ट कह दिया…
माङ्गल्यंतद्दिनेचेत्स्याद्वित्तादितस्यनश्यति।
बलेश्चप्रतिपद्दर्शाद्यदिविद्धं भविष्यति॥
अर्थात् – अमावस्या विद्ध बलि प्रतिपदा तिथि में मोहवशात् माङ्गल्य कार्य हेतु अनुष्ठान करने से सारा धन नष्ट हो जाता है।”
व्रतराज में तो यहाँ तक कहा है –
न कुर्वन्ति नरा इत्थं लक्ष्म्या ये सुखसुप्तिकाम् ।
धनचिन्ताविहीनास्ते कथं रात्रौ स्वपन्ति हि ॥
तस्मात्सर्वप्रयत्नेन लक्ष्मीं सुस्वापयेन्नरः ।
दुःखदारिद्यानिर्मुक्तः स्वजातौ स्यात् प्रतिष्ठितः॥
ये वैष्णवावैष्णवा या बलिराज्योत्सवं नराः।
न कुर्वन्ति वृथा तेषां धर्माः स्युर्नात्र संशयः ॥
अतः 31 अक्टूबर को दीपावली मनाकर आनंद एवं उन्नति की कामना करे! दीपावली पर्व की बहुत-बहुत मंगल कामनाएं शुभकामनाएं आपको एवं आपके पूरे परिवार को I