वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए प्रस्तावित 6,190 करोड़ रुपये का बजट अब तक का रिकॉर्ड है
लखनऊ, संवाददाता : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक नीतियों और पारदर्शी प्रशासनिक मॉडल की बदौलत उत्तर प्रदेश में उद्योग और बुनियादी ढांचा अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) है, जिसने बीते तीन वर्षों में तीन गुना विकास दर्ज किया है।
यूपीसीडा का वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए प्रस्तावित 6,190 करोड़ रुपये का बजट अब तक का रिकॉर्ड है। यह बजट स्मार्ट सड़कों, जल आपूर्ति, सीवरेज नेटवर्क और बिजली जैसी औद्योगिक सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा। यूपीसीडा ने 2023–24 में 1,898 करोड़ और 2024–25 में अनुमानित 1,937 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है, जो कि 2021–22 के मुकाबले तीन गुना से अधिक है। मई 2025 में आयोजित मेगा आवंटन योजना के तहत 113 औद्योगिक भूखंडों से 700 करोड़ रुपये का निवेश और 4,800 रोजगार सृजन की संभावना जताई गई है।
नीति निर्माण में अग्रणी भूमिका
अब केवल भूखंड आवंटन संस्था नहीं, यूपीसीडा एक सशक्त नीति निर्माता, निवेश संवर्द्धक और अधोसंरचना विकास एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है। इसका उद्देश्य सिर्फ औद्योगिक ढांचा बनाना नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश को भारत का औद्योगिक इंजन बनाना है।
डिजिटल इंडिया के साथ कदमताल
‘निवेश मित्र’ पोर्टल, ई-नीलामी, ऑनलाइन भुगतान और शिकायत निवारण जैसी 42 डिजिटल सेवाओं के माध्यम से अब तक 31,000 से अधिक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 96% का समाधान हो चुका है।
प्रशासनिक खर्च में अनुशासन
योगी सरकार की ‘कम खर्च, ज्यादा परिणाम’ नीति का अनुसरण करते हुए यूपीसीडा ने प्रशासनिक खर्च में 9% की कटौती की है। वहीं अवसंरचना व्यय 2017–18 के 104 करोड़ से बढ़कर 2023–24 में 415 करोड़ तक पहुंच गया है। राज्य सरकार की समावेशी औद्योगिक नीति के तहत छोटे उद्योगों को किफायती दरों पर भूखंड और सरल प्रक्रियाएं दी जा रही हैं। वहीं बड़े निवेशकों के लिए स्पेशल क्लस्टर जोन और नीति सहयोग की व्यवस्था की गई है।