विकासनगर थाने में एफआईआर दर्ज, आरोपी अजय उर्फ फतेह बहादुर के खिलाफ पुलिस ने शुरू की जांच
लखनऊ,संवाददाता : जानकीपुरम् क्षेत्र निवासी एक महिला ने विकासनगर थाने में दर्ज शिकायत में जिस प्रकार का विश्वासघात और शोषण झेला, वह समाज को झकझोर देने वाला है। महिला के अनुसार, आरोपी अजय उर्फ फतेह बहादुर ने पहले भाई-बहन का पवित्र रिश्ता बनाकर उनका विश्वास जीता, फिर उसी भरोसे को हथियार बनाकर उनके आत्मसम्मान और मानसिक शांति पर गहरा प्रहार किया
भाई बनकर जीता भरोसा, फिर की आर्थिक धोखाधड़ी
पीड़िता ने अपनी तहरीर में बताया कि आरोपी ने उन्हें फेसबुक से उनका नंबर लेकर संपर्क किया और स्वयं को उनका ‘भाई’ बताते हुए उनसे रिश्ता जोड़ा। आरोपी ने कार्यक्रमों में उनकी सक्रियता की तारीफ करते हुए संपर्क बढ़ाया और कुछ समय बाद दो लाख रुपये की मदद मांगी। भरोसे के चलते पीड़िता ने पैसे दे दिए, जिन्हें आरोपी ने कुछ समय बाद लौटा भी दिया। इससे महिला का विश्वास और मजबूत हो गया।
होटल में बुलाकर बनाया वीडियो, फिर शुरू हुई ब्लैकमेलिंग
महिला के मुताबिक, आरोपी ने उन्हें लखनऊ विधानसभा क्षेत्र के पास एक होटल में मिलने बुलाया, यह कहकर कि वह रास्ते में हैं और सिर्फ कुछ देर के लिए मिलना है। रिश्ते की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए पीड़िता होटल पहुंची। वहां आरोपी ने छिपकर उनकी अश्लील वीडियो बना ली। इसके बाद से लगातार महिला को फोन कर वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाने लगी।
परिवार को खत्म करने की धमकी, मानसिक यातना
शिकायत में महिला ने यह भी बताया कि जब उन्होंने आरोपी से संपर्क तोड़ने की कोशिश की, तो आरोपी ने गाली-गलौज करते हुए उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। उसका कहना था कि यदि महिला ने किसी से बात की या उसका नंबर ब्लॉक किया, तो वह वीडियो को वायरल कर देगा और पूरे परिवार को गंभीर नुकसान पहुँचाएगा।
पुलिस जांच में जुटी, महिला सुरक्षा की मांग
विकासनगर थाने में इस गंभीर मामले की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। महिला ने मांग की है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और उसे मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न से राहत मिले।
संदेश: रिश्तों के नाम पर धोखे से सतर्क रहने की जरूरत
यह मामला समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि सोशल मीडिया और रिश्तों की आड़ में अपराध किस तरह छिपकर समाज में जहर घोल रहे हैं। महिलाओं को चाहिए कि वे ऐसे संपर्कों से सतर्क रहें और किसी भी तरह की असहजता या संदेह होने पर तुरंत संबंधित प्राधिकरणों को सूचित करें।यह खबर न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि सामाजिक चेतना का आह्वान भी करती है।