उन्नत किस्मों पर अनुदान और एमएसपी पर खरीद से किसानों को मिल रही दोहरी ताकत
लखनऊ,संवाददाता : प्रदेश की योगी सरकार अब ‘श्रीअन्न’ बाजरे को ग्रामीण समृद्धि का मजबूत आधार बनाने की दिशा में अग्रसर है। पोषण से भरपूर बाजरा न केवल स्वास्थ्यवर्धक है बल्कि किसानों के लिए आय का भी उत्तम साधन बनता जा रहा है। सरकार द्वारा किसानों को बाजरे की उन्नत संकर प्रजातियों के बीजों पर अनुदान दिया जा रहा है, जिससे लागत घट रही है और मुनाफा बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में लगभग 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बाजरे की खेती की जाती है, जो धान और गेहूं के बाद सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसलों में से एक है। बाजरे में प्रचुर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जिससे यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। वैज्ञानिक शोधों ने भी इसे मधुमेह नियंत्रण, हृदय स्वास्थ्य और पाचन सुधार में सहायक माना है।
कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी लाभदायक खेती
बाजरे की खेती उन जिलों में भी फायदेमंद साबित हो रही है जहां बारिश सामान्य से कम हुई है। प्रदेश के करीब 29 जिलों में औसत से कम वर्षा दर्ज की गई है। इन इलाकों में धान की जगह किसान 400–500 मिमी वर्षा में भी बाजरा उगा सकते हैं। अगस्त के मध्य तक बुवाई कर 80–85 दिनों में फसल तैयार हो जाती है, जिससे किसान समय पर रबी फसल भी बो सकते हैं।
उन्नत किस्में और अधिक उत्पादन
बाजरे की 86M84, बायो-8145, NBH-5929 और धनशक्ति जैसी प्रजातियां 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देने में सक्षम हैं। वहीं, कम लागत में उच्च बाजार मूल्य मिलने से किसानों को धान की अपेक्षा अधिक लाभ की संभावना बन रही है।
एमएसपी पर खरीद से बढ़ा भरोसा
सरकार ने वर्ष 2022-23 से बाजरे की फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद शुरू की, जिससे किसानों को सुनिश्चित लाभ मिल रहा है। वहीं, राजकीय कृषि बीज भंडारों के माध्यम से बीजों पर अनुदान देकर सरकार खेती की लागत घटा रही है।
भूमि शोधन भी जरूरी
कम उपजाऊ या असमतल भूमि में भी बाजरे की खेती की संभावनाएं हैं। ऐसे खेतों में ट्राइकोडरमा हारजीएनम 2% पाउडर की 2.5 किलो मात्रा से भूमि शोधन कर बीज उपचार करने की सलाह दी गई है।
कृषि विभाग की अपील
कृषि विभाग ने किसानों से आग्रह किया है कि वे खरीफ सीजन में जलवायु और भूमि की अनुकूलता के अनुसार बाजरे की खेती अपनाएं और सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर अधिकतम उत्पादन और लाभ सुनिश्चित करें।