2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए जरूरी है युवाओं को नशे से दूर रखना – डॉ. मांडविया

लखनऊ, संवाददाता : वाराणसी में केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार को वाराणसी स्थित रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘यूथ स्पिरिचुअल समिट’ का उद्घाटन किया। इस समिट का विषय था – ‘नशा मुक्त युवा, विकसित भारत’, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन के तहत युवाओं को आत्म-जागरूकता और उद्देश्यपूर्ण जीवन के मार्ग पर अग्रसर करने का एक बड़ा प्रयास है।
पीएम का संदेश: आत्म-जागरूकता और जनसहभागिता से ही नशामुक्ति संभव
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी का विशेष संदेश भी साझा किया गया। उन्होंने कहा, “यह समिट एक जागरूक, सशक्त और अनुशासित युवा पीढ़ी के निर्माण का महत्वपूर्ण कदम है। नशा केवल व्यक्ति की क्षमता ही नहीं, परिवार और समाज की नींव को भी कमजोर करता है।”
डॉ. मांडविया ने अपने संबोधन में कहा कि “अमृतकाल की वास्तविक शक्ति हमारे युवाओं में निहित है। यदि हमें 2047 तक विकसित भारत बनाना है, तो पहले नशे की बेड़ियों से युवाओं को मुक्त करना होगा।”
600 से अधिक युवा प्रतिनिधियों ने लिया भाग, ‘काशी डिक्लेरेशन’ की रखी गई नींव
देशभर के 120 से अधिक आध्यात्मिक संगठनों से आए 600 से अधिक युवा प्रतिनिधियों ने इस समिट में भाग लिया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अब ‘काशी डिक्लेरेशन’ तैयार किया जा रहा है, जो अगले पांच वर्षों के लिए एक नशा मुक्ति कार्ययोजना का ब्लूप्रिंट होगा।
अन्य मंत्रियों ने भी जताई चिंता, संस्कृति और सामूहिक संकल्प पर दिया बल
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा, “यह समिट एक सामूहिक संकल्प है, जिसे हर घर और हर मोहल्ले तक ले जाना जरूरी है। नशा नहीं, नव निर्माण चाहिए।”
पर्यटन व संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पारिवारिक संरचनाओं के टूटने को युवाओं में बढ़ती अकेलापन और नशे के खतरे का बड़ा कारण बताया। केंद्रीय राज्य मंत्री रक्षा निकिल खडसे ने स्कूली बच्चों तक नशीली दवाओं की पहुंच और डिजिटल मंचों के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए शून्य सहिष्णुता की नीति को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता बताई।
नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम और काशी की आत्मा का संदेश
समिट के दौरान ‘कलेइडोस्कोप ऑफ बनारस’ नाम से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें नुक्कड़ नाटकों, गीत-संगीत और स्थानीय कला के जरिए नशा विरोधी संदेश को जन-जन तक पहुंचाया गया।
काशी डिक्लेरेशन को 20 जुलाई को औपचारिक रूप से जारी किया जाएगा। यह आयोजन MY भारत के अंतर्गत युवाओं की भागीदारी से सामाजिक बदलाव लाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, जो प्रधानमंत्री मोदी की सोच – “युवा ही अमृतकाल के इंजन हैं” – को मजबूत करता है।