32 हजार लोगों का बदलेगा पता, मिलेगा बड़ा लाभ
लखनऊ, संवाददाता : उत्तर प्रदेश शासन ने प्रयागराज और कौशांबी जिलों की सीमा पर स्थित ‘पॉकेट विलेज’ की वर्षों पुरानी प्रशासनिक समस्या को हल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रस्तावित सीमा पुनर्गठन के तहत दो जिलों के बीच गांवों की अदला-बदली की जा रही है, जिससे हजारों ग्रामीणों को प्रशासनिक सहूलियत मिलेगी। राजस्व विभाग की परिभाषा के अनुसार, ‘पॉकेट विलेज’ वे गांव हैं जो भौगोलिक रूप से एक जिले में स्थित होते हैं लेकिन प्रशासनिक रूप से दूसरे जिले के अंतर्गत आते हैं। ऐसे गांव चारों ओर से दूसरे जिले से घिरे होते हैं, जिससे उन्हें ब्लॉक, थाना या तहसील तक पहुंचने में अत्यधिक कठिनाई होती है।
प्रस्तावित बदलाव:
- कौशांबी के 11 गांव प्रयागराज में शामिल होंगे, जिससे लगभग 24,000 लोग प्रयागराज जिले के निवासी बनेंगे।
- प्रयागराज के 2 गांव कौशांबी में शामिल किए जाएंगे, जिससे लगभग 6,000 नागरिक कौशांबी जिले का हिस्सा बन जाएंगे।
अदला-बदली के बाद गांवों की कुल संख्या:
जिला | पहले गांव | अब गांव |
---|---|---|
प्रयागराज | 1540 | 1549 |
कौशांबी | 451 | 442 |
बदलाव की आवश्यकता क्यों?
प्रशासनिक दस्तावेजों के अनुसार, प्रयागराज के चक चंद्रसेन और उजिहिनी आईमा गांवों के चारों ओर कौशांबी के गांव हैं, जिससे वहां के नागरिकों को सरकारी योजनाओं, मतदान केंद्रों, और थानों तक पहुंचने में कठिनाई होती है। इसी तरह, कौशांबी के जिन 11 गांवों को प्रयागराज में स्थानांतरित किया जाना है, वे यमुना नदी के कछार और उपरहार क्षेत्र में स्थित हैं, जो भौगोलिक रूप से प्रयागराज के नजदीक हैं। स्थानीय लोगों को कौशांबी के ब्लॉक मुख्यालय तक पहुंचने में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
शासन की अगली कार्यवाही
उत्तर प्रदेश शासन ने इस प्रस्ताव पर तेजी से कार्यवाही के लिए दो विशेष सचिवों को जिम्मेदारी दी है। इन अधिकारियों की जल्द ही लखनऊ में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, प्रयागराज और कौशांबी के जिलाधिकारियों के साथ बैठक प्रस्तावित है। बैठक के बाद राजस्व अभिलेखों में परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
संभावित लाभ:
मंडलायुक्त के अनुसार, इस परिवर्तन से ग्रामीणों की लगभग 50% प्रशासनिक समस्याएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी। अब नागरिकों को अपने ब्लॉक, थाना और तहसील तक पहुंचने में अनावश्यक दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी, जिससे सरकारी सेवाओं तक पहुंच सुगम हो सकेगी।