विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है
लखनऊ,संवाददाता : लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी शोधार्थियों के लिए चल रही छात्रावास आवंटन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन, खासकर चीफ प्रोवोस्ट पर मनमानी का आरोप लगाया है।
शोधार्थियों का कहना है कि विश्वविद्यालय नियमों के अनुसार केवल उन्हीं छात्रों को छात्रावास में कमरा मिलना चाहिए जिनके रिसर्च सुपरवाइजर लखनऊ विश्वविद्यालय के नियमित शिक्षक हैं। इसके विपरीत कुछ ऐसे छात्रों को भी कमरे आवंटित कर दिए गए हैं जिनके गाइड विश्वविद्यालय से बाहर के कॉलेजों से हैं।
छात्रों ने बताया कि एक आवंटी छात्र के सुपरवाइजर अवध डिग्री कॉलेज की एक महिला प्रोफेसर हैं, जबकि दूसरे के गाइड सीतापुर स्थित एक डिग्री कॉलेज में कार्यरत हैं। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद शोधार्थियों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। छात्रों का कहना है कि यदि आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।