एक्सिओम-4 मिशन के बाद सूर्य किरण एरोबैटिक टीम संग फिर भरी उड़ान
लखनऊ,संवाददाता : भारत की अंतरिक्ष यात्रा में अमिट छाप छोड़ने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक बार फिर भारतीय वायुसेना के विमान के कॉकपिट में लौटकर अपनी सशक्त वापसी दर्ज की है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के कुछ ही महीनों बाद उन्होंने वायुसेना में अपनी सक्रिय जिम्मेदारियाँ दोबारा संभाल ली हैं। मंगलवार को कर्नाटक के बीदर में अभ्यास मिशन के दौरान ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने भारतीय वायुसेना की प्रतिष्ठित सूर्य किरण एरोबैटिक टीम के साथ उड़ान भरी। इसे अंतरिक्ष से सीधे उच्च प्रदर्शन वाली सैन्य विमानन गतिविधियों में एक दुर्लभ और सहज वापसी के रूप में देखा जा रहा है।
“कॉकपिट में लौटना घर वापसी जैसा”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने अनुभव साझा करते हुए ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने लिखा, “कॉकपिट में वापस आकर सचमुच अच्छा लग रहा है। उड़ान प्रशिक्षण अंतरिक्ष यात्री तैयारी का एक मूल स्तंभ बना रहता है। बहुत कम ऐसे वातावरण होते हैं जहाँ इंद्रियों का इतना सटीक समन्वय, वास्तविक समय में तेज़ निर्णय क्षमता और अत्यंत तीक्ष्ण परिस्थितिजन्य जागरूकता की आवश्यकता होती है। ये केवल उड़ान कौशल नहीं हैं—ये अंतरिक्ष में जीवित रहने के कौशल हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “कॉकपिट में जीवन बिताने के बाद, उसमें लौटना किसी यात्रा जैसा नहीं बल्कि घर वापसी जैसा लगता है। और अगर लौटने का कोई सबसे बेहतर तरीका हो, तो भारतीय वायुसेना के दूत—सूर्य किरणों—के साथ उड़ान भरने से बेहतर कुछ नहीं।”
वीडियो साझा, युवाओं को मिला प्रेरणादायक संदेश
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने कॉकपिट में बिताए समय को दर्शाता एक वीडियो भी साझा किया, जो नई फिल्म ‘धुरंधर’ के जोशीले शीर्षक गीत पर आधारित है।
‘ट्रेनिंग विद द सूर्य किरण टीम’ शीर्षक वाले इस वीडियो में संदेश दिया गया— “अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण अंतरिक्ष में शुरू नहीं होता, यह कॉकपिट में शुरू होता है। उड़ान प्रशिक्षण अंतरिक्ष यात्रा के लिए अनिवार्य है।”
सूर्य किरण टीम और शुक्ला का अनुभव
भारतीय वायुसेना की सूर्य किरण एरोबैटिक टीम नौ विमानों की संरचना वाली एशिया की एकमात्र एरोबैटिक टीम है। वर्ष 2006 में वायुसेना में कमीशन प्राप्त करने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के पास लगभग 2,000 घंटे का उड़ान अनुभव है। उन्होंने मिग-21, मिग-29, सुखोई-30, डोर्नियर और हॉक जैसे अत्याधुनिक विमानों का संचालन किया है। हाल ही में उन्हें प्रतिष्ठित ‘द वीक’ पत्रिका द्वारा ‘मैन ऑफ द ईयर’ भी नामित किया गया है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह वापसी न केवल भारतीय वायुसेना बल्कि देश के युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनकर सामने आई है।
























