राज्य की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बनाएगी यह पहल
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के हर जिले में अत्याधुनिक मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय स्थापित करने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 39 जिलों में विद्यालयों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जबकि 10 जिलों में जल्द ही काम शुरू होने की तैयारी है। शेष जिलों में भी स्वीकृति की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है।
शिक्षा में बड़ा बदलाव:
शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इन विद्यालयों से प्रदेश के लाखों बच्चों को एक ही परिसर में प्री-प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा का लाभ मिलेगा।
विशेषताएं और लागत:
- विद्यालयों का निर्माण 5 से 10 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है।
- प्रति विद्यालय 30 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
- यह संस्थान स्मार्ट क्लास, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, खेल परिसर और डिजिटल संसाधनों से सुसज्जित होंगे।
- सरकार ने निर्माण कार्य को गति देने के लिए छह प्रमुख निर्माण एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
इन जिलों में शुरू हुआ निर्माण:
सीतापुर, बिजनौर, कानपुर देहात, महाराजगंज, अम्बेडकरनगर, बुलन्दशहर, खीरी, बलिया, सुल्तानपुर, हमीरपुर, रायबरेली, औरैया, अमेठी, हरदोई, अमरोहा, चित्रकूट, ललितपुर, जालौन, चन्दौली, फिरोजाबाद, श्रावस्ती, इटावा, मैनपुरी, हापुड़, कौशाम्बी, मऊ, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर, संतकबीरनगर, सम्भल, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर, रामपुर, हाथरस, बदायूं, बहराइच, भदोही और बागपत। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में प्रदेश का हर बच्चा गुणवत्ता से भरपूर और आधुनिक शिक्षा तक सहज पहुँच पाए। सीएम कंपोजिट विद्यालय इसी दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम है।