पंचायत चुनाव के लिए आधार साल 2015, 2021 या उससे पहले का कोई वर्ष हो सकता है
लखनऊ,संवाददाता : आगामी पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत या जिला पंचायत का आरक्षण किस श्रेणी के लिए होगा? यह सवाल हर किसी के मन में है। इसका जवाब आधार वर्ष के निर्धारण पर निर्भर होता है। सूत्रों के अनुसार, पंचायतीराज विभाग इस महीने के अंत तक कैबिनेट में प्रस्ताव पेश करेगा।
आसान शब्दों में, जिस आधार वर्ष में कोई सीट किसी विशेष वर्ग के लिए आरक्षित थी, 2026 के चुनाव में वह सीट उस वर्ग के लिए यथासंभव आरक्षित नहीं होगी। उदाहरण के लिए, 2021 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 2015 को आधार वर्ष माना गया था। इसका मतलब, 2015 में जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित थी, 2021 में उस वर्ग को उस सीट पर चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला।
विशेषज्ञों के अनुसार साल 2026 के पंचायत चुनाव के लिए आधार साल 2015, 2021 या उससे पहले का कोई वर्ष हो सकता है। यह तय होने के बाद ही आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होगी। हालांकि, 2011 की जनगणना के आधार पर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण का प्रतिशत निर्धारित किया जा रहा है। इसलिए, संभावना है कि आधार वर्ष 2015 या 2021 में से एक होगा।
आरक्षण का रोटेशन सिस्टम
आरक्षण का क्रम इस प्रकार है: अनुसूचित जनजाति की महिलाएं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति की महिलाएं, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग की महिलाएं, पिछड़ा वर्ग और सामान्य महिलाएं। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है। प्रदेश में कुल 75 जिला पंचायतें, 826 क्षेत्र पंचायतें और 57,691 ग्राम पंचायतें हैं।
आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ब्लॉक में ग्राम प्रधान के पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करने हैं, तो उस ब्लॉक के गांवों को अनुसूचित जाति की आबादी के आधार पर अवरोही क्रम (अधिक से कम आबादी) में व्यवस्थित किया जाएगा। फिर उन ग्राम पंचायतों को पद आवंटित किए जाएंगे, जो आधार वर्ष में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं थीं।
वर्गों के लिए पदों का बंटवारा
विभिन्न वर्गों की आबादी के प्रतिशत के आधार पर सीटें निर्धारित होती हैं। अनुमान के अनुसार, ग्राम प्रधान के लगभग 300 पद अनुसूचित जनजाति, 12,000 पद अनुसूचित जाति और करीब 15,500 पद पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 16 पद एससी और 20 पद ओबीसी के लिए होंगे। क्षेत्र पंचायत प्रमुख के लिए एसटी को 5 पद, एससी को 171 पद और ओबीसी को 223 पद मिलेंगे। कुल पदों में से 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।