सत्ता और संगठन में भागीदारी का समय आते ही पार्टी केवल अपने परिवार को प्राथमिकता देती है
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे पर जमकर निशाना साधा है। राजभर ने इस नारे को “फर्जी और दिखावटी” बताते हुए आरोप लगाया कि सपा ने अपने कार्यकाल में वास्तव में इन समुदायों के साथ अन्याय और भेदभाव किया है।
राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने केवल यादव समुदाय को प्राथमिकता दी, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यकों को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा, सपा का पीडीए केवल वोट बैंक की राजनीति है। सत्ता और संगठन में भागीदारी का समय आते ही पार्टी केवल अपने परिवार को प्राथमिकता देती है।
पूजा पाल के निष्कासन पर उठाए सवाल
मंत्री ने हाल ही में सपा से निष्कासित हुई विधायक पूजा पाल का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने सदन में अपने पति के हत्यारों पर कार्रवाई के लिए योगी सरकार की सराहना की, जिस पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। अखिलेश यादव बताएं, क्या यही पीडीए की विचारधारा है? — राजभर ने तंज कसा
कांग्रेस पर ‘वोट चोरी’ का आरोप
राजभर ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा, 1952 में बाबा साहेब अंबेडकर के साथ वोट चोरी की गई। वाराणसी में मतपेटी गंगा में फेंकी गई, रामपुर में हारने पर मुख्यमंत्री को धमकी दी गई कि यह सीट किसी भी कीमत पर चाहिए। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के साथ मिलकर अखिलेश यादव वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं, जबकि मध्यप्रदेश चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किया था, जिससे भाजपा को लाभ हुआ।
अब्बास अंसारी व विपक्ष पर प्रतिक्रिया
कोर्ट से अब्बास अंसारी को राहत मिलने पर राजभर ने कहा कि वे न्यायपालिका के निर्णय का सम्मान करते हैं। वहीं संसद में पेश हुए तीन विधेयकों पर विपक्ष के हंगामे को लेकर उन्होंने कहा, विपक्ष इसलिए डर रहा है क्योंकि उनके कई नेता जेल में रहते हुए भी सरकार चलाते रहे हैं। उन्हें भय है कि इस कानून के बाद ऐसा संभव नहीं होगा।
शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम परिवर्तन स्वागतयोग्य
राजभर ने जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने के निर्णय को “विचारित और सकारात्मक कदम” बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सभी समुदायों की आस्थाओं और भावनाओं का सम्मान करता है, और इसकी सभी को सराहना करनी चाहिए।