तीन दिवसीय सेरकॉन 2025 सम्मेलन के दौरान दी गई जानकारी
लखनऊ, संवाददाता : संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI), लखनऊ में अब लीवर और ब्रेस्ट ट्यूमर जैसे मामलों में बड़ी सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। संस्थान के विशेषज्ञों ने नई मिनिमल इनवेसिव तकनीकों के जरिए इलाज की नई राहें खोल दी हैं। इन तकनीकों से मरीजों को कम दर्द, कम खर्च और तेज़ रिकवरी का लाभ मिल रहा है। तीन दिवसीय सेरकॉन 2025 सम्मेलन के दौरान यह जानकारी दी गई, जिसमें भारत और विदेशों से 500 से अधिक विशेषज्ञ शामिल हुए।
क्रायोएब्लेशन से होगा ट्यूमर का इलाज
PGI के रेडियोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो. अर्चना गुप्ता ने बताया कि अब ‘क्रायोएब्लेशन’ तकनीक की मदद से लीवर और स्तन के ट्यूमर का इलाज किया जा सकता है। यह तकनीक बुजुर्गों और ऑपरेशन के लिए फिट न होने वाले मरीजों के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है। इसमें न तो चीरा लगता है और न ही मरीज को ज्यादा समय अस्पताल में बिताना पड़ता है।
ब्रेन स्ट्रोक का भी बिना ओपन सर्जरी इलाज
न्यूरो इंटरवेंशन विशेषज्ञ प्रो. विवेक सिंह ने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन ब्लीड और ब्रेन एन्यूरिज्म जैसी स्थितियों में अब ओपन सर्जरी की जरूरत नहीं रह गई है। उन्नत तकनीकों के माध्यम से इलाज ज्यादा सुरक्षित और तेज हो गया है।
सिमुलेटर से डॉक्टरों को मिलेगी रियल-टाइम ट्रेनिंग
डॉ. अनुराधा सिंह ने बताया कि अब डॉक्टरों को सिमुलेटर आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे आपातकालीन परिस्थितियों में ज्यादा बेहतर निर्णय ले सकें। सेरकॉन 2025 में अमेरिका, कनाडा और थाईलैंड से आए विशेषज्ञों ने इन तकनीकों की सराहना की और बताया कि रेडियोलॉजी ने वैश्विक चिकित्सा पद्धति को ही बदल दिया है। संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने कहा, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी अब एक सुरक्षित, दर्द रहित और अत्यधिक प्रभावी विकल्प बन चुकी है, जिससे मरीजों को तेजी से राहत और बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।