अब स्थाई लाइसेंस बनाने के लिए आवेदकों को एआरटीओ कार्यालय जाकर देना होगा टेस्ट
लखनऊ,संवाददाता : अब स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए आवेदकों को आरटीओ कार्यालय के टेस्ट ग्राउंड पर गाड़ी चलाकर दिखाना अनिवार्य होगा। इस नई व्यवस्था के तहत गाड़ी चलाने की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी, जिससे जुगाड़ और बिना टेस्ट दिए स्थाई लाइसेंस बनाने की प्रथा पर पूरी तरह रोक लगेगी।
अभी तक कुछ दलालों द्वारा आवेदकों से मोटी रकम वसूल कर बिना गाड़ी चलाए ही स्थाई लाइसेंस जारी कर दिए जाते थे। लेकिन अब इस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और अपात्र व्यक्तियों को लाइसेंस जारी होने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। नई व्यवस्था के तहत, टेस्ट की वीडियो रिकार्डिंग होने से अगर भविष्य में कोई शिकायत आती है तो संबंधित अधिकारी असलियत का पता लगा सकेंगे।
कुछ समय पहले परिवहन विभाग ने लर्निंग लाइसेंस सहित 51 सेवाएं ऑनलाइन कर दी थीं, जिससे आरटीओ कार्यालयों में दलालों का प्रभाव कम हुआ था। अब स्थाई लाइसेंस बनाने के लिए आवेदकों को एआरटीओ कार्यालय जाकर टेस्ट देना होगा। टेस्ट के दौरान आवेदक से गाड़ी चलवाकर देखा जाएगा। यह व्यवस्था अब तक कई बार गलत तरीके से लाइसेंस जारी करने का कारण बन चुकी थी, खासकर जब दो पहिया वाहन चलाने वाले आवेदकों को चार पहिया गाड़ी चलाने का लाइसेंस मिल जाता था। पूर्व परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने सबसे पहले इस व्यवस्था को लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन कई कारणों से इसमें विलंब हुआ। अब यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जिससे ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।