राज्य सलाहकार बोर्ड की छठवीं बैठक में दिव्यांगजनों के हित में कई अहम निर्णय, पहुंच, सुविधा और सम्मान बढ़ाने पर जोर

लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नरेन्द्र कश्यप ने मंगलवार को योजना भवन में राज्य सलाहकार बोर्ड की छठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिव्यांगजनों के कल्याण को लेकर कई निर्णायक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार दिव्यांगजनों को सशक्त, आत्मनिर्भर और गरिमापूर्ण जीवन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
जन-सहभागिता और तकनीक से मिल रही नई रफ्तार
बैठक में श्री कश्यप ने स्पष्ट किया कि नगर निकायों, सार्वजनिक भवनों, पार्कों और यातायात सुविधाओं को दिव्यांग अनुकूल बनाने के प्रयासों में तेजी लाई जाए। उन्होंने बसों में दिव्यांगों को चढ़ने-उतरने में मदद देने के लिए ड्राइवर और कंडक्टर को प्रशिक्षित करने और मित्रवत व्यवहार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विशेष जरूरत वाले रूटों पर चार से अधिक सीटें आरक्षित करने पर भी विचार किया जाएगा। बैठक में विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी, विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव सुभाष चन्द्र शर्मा, राज्य आयुक्त प्रो. हिमांशु शेखर झा सहित कई अन्य अधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।
शिक्षा, तकनीक और योजनाओं से बदलेगा भविष्य

मंत्री ने कहा कि प्रत्येक छह माह में बोर्ड बैठक अनिवार्य रूप से होनी चाहिए और उच्चस्तरीय अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा जाए। उन्होंने आईटी विभाग को सभी सरकारी वेबसाइटों को दिव्यांग फ्रेंडली बनाने के निर्देश दिए, जिनमें अब तक 44 पोर्टल सुगम बनाए जा चुके हैं।
विशेष शिक्षकों की नियुक्ति, दिव्यांग छात्रों के लिए स्कूलों में रैम्प की व्यवस्था और निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रवेश सुनिश्चित करने की बात कही गई। लखनऊ व चित्रकूट स्थित दिव्यांग विश्वविद्यालयों को मॉडल बनाकर अन्य विश्वविद्यालयों को प्रेरित करने की योजना पर भी चर्चा हुई।
योजनाओं का विस्तार और नवाचारों का समावेश
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10.41 लाख दिव्यांगजनों को पेंशन, 11,671 को कुष्ठावस्था पेंशन, 10,229 को सहायक उपकरण, और 165 को शल्य चिकित्सा अनुदान मिला है। 21 प्रकार की दिव्यांगता के लिए प्रमाण-पत्र, UDID कार्ड, स्मार्ट क्लास, ऑनलाइन पोर्टल, बजट मॉनिटरिंग और कृत्रिम अंग वितरण जैसे डिजिटल नवाचारों से योजनाओं की पहुंच को और बेहतर किया गया है। अब तक 15.5 लाख से अधिक यूडीआईडी कार्ड जारी किए जा चुके हैं। शिकायत निस्तारण के लिए मोबाइल कोर्ट की व्यवस्था की गई है, जिससे 677 मामलों का मौके पर समाधान हुआ।
हर दिव्यांग तक पहुंचे विकास की रोशनी
मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने दोहराया कि सरकार का संकल्प है — “कोई भी पात्र दिव्यांगजन योजना से वंचित न रहे।” उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के गरिमामय जीवन के लिए शासन, प्रशासन और समाज की सामूहिक भूमिका जरूरी है।























