ये ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ जैसा आरोप है, जिसका कोई आधार नहीं है।”
लखनऊ,संवाददाता : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के भाजपा से नजदीकी के आरोपों पर गुरुवार को कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि स्मारकों के रखरखाव पर टिकटों से प्राप्त धन खर्च किए जाने पर मौजूदा सरकार का आभार जताने भर से विरोधियों को तकलीफ होना स्वाभाविक है, क्योंकि उनमें “राजनीतिक ईमानदारी का साहस नहीं है।” उन्होंने यह बातें पार्टी की प्रदेश स्तरीय विशेष बैठक को संबोधित करते हुए कहीं, जिसमें उत्तराखंड राज्य इकाई के पदाधिकारी भी शामिल हुए।
स्मारकों पर सरकार का आभार जताना गलत कैसे?
मायावती ने कहा कि बसपा सरकार द्वारा बनाए गए भव्य स्थल, स्मारक, पार्क आदि की सपा सरकार के कार्यकाल में उपेक्षा हुई थी। अब जब वर्तमान सरकार ने टिकट की कमाई से उन्हीं स्मारकों के रखरखाव की मंजूरी दी है, तो बसपा ने राजनीतिक ईमानदारी से सरकार का आभार जताया है। उन्होंने कहा, “यह विरोधियों को अच्छा नहीं लगना स्वाभाविक है क्योंकि उनके चरित्र में राजनीतिक ईमानदारी और नैतिक साहस नहीं है।”
परिनिर्वाण दिवस पर सरकारी बसों का आरोप झूठा
सपा द्वारा नौ अक्टूबर को कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग के आरोप पर मायावती ने कहा, “बसपा कार्यकर्ता प्राइवेट बसों, ट्रेनों, अपने संसाधनों से और पैदल भी आए। ऐसे में सरकारी बसों की बात करना बेतुकी और झूठी है। ये ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ जैसा आरोप है, जिसका कोई आधार नहीं है।”
सपा ने बदल दिए बहुजन महापुरुषों से जुड़े नाम
मायावती ने समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में बसपा सरकार द्वारा बहुजन समाज के महापुरुषों के नाम पर बनाए गए जिलों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों और योजनाओं के नाम बदल दिए गए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा न किया होता तो सपा का नाम ‘गेस्ट हाउस कांड’ की तरह इतिहास के काले पन्नों में न जाता।
“बसपा न बिकती है, न झुकती है”
बसपा सुप्रीमो ने कहा, “साम, दाम, दंड, भेद की राजनीति बसपा का स्वभाव नहीं है। बसपा पूरी तरह पाक-साफ और खुली किताब जैसी राजनीति करती है। हमारी पार्टी पूंजीपतियों के सहारे नहीं, बल्कि दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिमों व अल्पसंख्यकों के सहयोग से चलती है।”
2027 चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश
बैठक में मायावती ने कार्यकर्ताओं से 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरे तन-मन-धन से जुट जाने का आह्वान किया और संगठन की बची हुई इकाइयों के गठन को तुरंत पूरा करने का निर्देश भी दिया।
15 जनवरी को आर्थिक सहयोग की परंपरा जारी रखने की अपील
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि 15 जनवरी को उनके जन्मदिन के अवसर पर पार्टी को आर्थिक सहयोग देने की परंपरा को इसी तरह जारी रखें ताकि पार्टी की ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की आत्म-सम्मान आधारित राजनीति को और मजबूती मिल सके।