प्रारंभिक परीक्षा दो दिन में कराने के खिलाफ उत्तर प्रदेश में लगातार जारी है छात्रों का आंदोलन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन में कराने के खिलाफ उत्तर प्रदेश के प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन लगातार जारी है। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और यूपी सरकार को निशाने पर लिया है। मायावती ने छात्रों के समर्थन में सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए हैं।
मायावती ने लिखा कि उत्तर प्रदेश में एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि विशेष परीक्षाएं जैसे पीसीएस को दो दिन में कराना पड़ रहा है। उन्होंने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति का इस समय में चर्चा होना स्वाभाविक है। मायावती ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि क्या राज्य में परीक्षा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा इतना कमजोर है कि एक साथ परीक्षा कराना संभव नहीं हो रहा है।
बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि परीक्षाओं की विश्वसनीयता और पेपर लीक जैसे मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिन पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि एक साथ परीक्षा कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे छात्रों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
आखिर में, मायावती ने छात्रों के हालात पर चिंता जताते हुए कहा, गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं, बल्कि सहयोगपूर्ण और सहानुभूति का होना चाहिए। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि “जो भी रिक्त पद हैं, उनकी जल्दी से जल्दी भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए, क्योंकि लोगों को रोज़ी-रोज़गार की सख्त आवश्यकता है।
यूपीपीएससी द्वारा दो दिन में परीक्षा कराने के फैसले का विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि अगर केंद्रों की कमी के कारण परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है, तो इसके लिए उचित समाधान ढूंढा जा सकता है। छात्रों ने नॉर्मलाइजेशन के नियम को भी चुनौती दी है, जो परीक्षा के मूल्यांकन को प्रभावित कर सकता है।