आदित्य ने नौनिहाल बच्चों को बांटे गर्म कपड़े
बाराबंकी, संवाददाताः बच्चों के लिए पढ़ाई-लिखाई और खेल-कूद के साथ फिल्में भी देखना बेहद जरुरी है। बच्चों पर बनी फिल्मों को देखने से वे बिगड़ेंगे नहीं, बल्कि इन फिल्मों से तो उन्हें शिक्षा मिलेगी। यह बात रविवार को फिल्म निर्माता समाजसेवक और तेलुगु फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता आदित्य ओम ने गांधी भवन में नौनिहालों को गर्म कपड़े बांटने के दौरान कही। श्री ओम सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। उनके पिता स्व. रमाशंकर सिंह वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे है। 80 के दशक में बाराबंकी में एडीएम रहते हुए उन्होनें कई सराहनीय कार्य किए। पिता की बताई सीख को आत्मसात करते हुए श्री ओम ने तेलंगाना में चेरूपल्ली व आंध्रा में चार गांव को गोद ले रखा हैं।
वह अपने एनजीओ ‘एडुलाइटमेंट‘ के तहत पिछले दो दशक से साथ शैक्षिक सुधारों के लिए भी काम कर रहे हैं। उन्होंने सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर फिल्मों का निर्माण व निर्देशन कर फिल्म जगत में अपनी अलग पहचान बनाई हैं। आदित्य ओम के निर्देशन में शिक्षा तंत्र पर आधारित हिंदी फिल्म ‘मास्साब’ को लेकर चर्चा में रही, जिस फिल्म ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में 48 पुरस्कार जीते हैं। आदित्य ओम बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले बच्चों पर बनी फिल्म ‘मास्साब’ प्राथमिक शिक्षा पर आधारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर क्या माहौल है, वहां शिक्षा को लेकर क्या समस्याएं हैं, शिक्षा को लेकर क्या चुनौतियां आती हैं।
इसे फिल्म में रियल लोकेशन पर, लोकल कलाकारों के साथ दिखाने की कोशिश की गई। यह फिल्म बच्चों को देखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश उन्नति तभी कर सकता है जब बच्चे शिक्षित होकर प्रगति में साझीदार बनें। उन्होंने करीब महात्मा गांधी स्पोर्टस क्लब के बच्चों को गर्म कम्बल, स्वेटर व टोपी वितरित किए। इस मौके पर गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा, महात्मा गांधी स्पोर्टस क्लब के अध्यक्ष सलाउद्दीन किदवई, राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मुजीब अहमद, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, अहमद सईद, सत्यवान वर्मा, राजू सिंह, पाटेश्वरी प्रसाद, रणंजय शर्मा, नीरज दूबे, बराती लाल वर्मा, जलाल नईम खान, मुजीब अहमद, लखकुश आनंद आदि कई लोग मौजूद रहे।