डिजिटल इंडिया की दिशा में रक्षा लेखा विभाग की अभिनव पहल, पेंशनरों को पारदर्शी सेवाओं की सौगात

लखनऊ,संवाददाता : रक्षा लेखा महानियंत्रक डॉ. मयंक शर्मा ने सोमवार को प्रयागराज स्थित द्रौपदी घाट परिसर में रक्षा लेखा (पेंशन) कार्यालय की विरासत को समर्पित ‘धरोहर’ नामक गैलरी का विधिवत उद्घाटन किया। यह गैलरी विभाग के ऐतिहासिक विकास, पेंशन प्रणाली में हुए सुधार, डिजिटल क्रांति और कार्यालय की उपलब्धियों को दर्शाती है।
स्पर्श प्रणाली बनी डिजिटल परिवर्तन की मिसाल
डॉ. शर्मा ने बताया कि पेंशनरों की सुविधा के लिए लागू की गई SPARSH (System for Pension Administration – Raksha) प्रणाली के माध्यम से बीते एक वर्ष में चार लाख से अधिक शिकायतों का समाधान किया गया है। साथ ही, पूर्ववर्ती मैनुअल प्रणाली के तहत बैंकों द्वारा हुई त्रुटियों को सुधारा गया है, जिससे पांच लाख से अधिक मामलों का सफल निस्तारण हुआ है। विशेष रूप से वीर नारियों से जुड़े लंबित प्रकरणों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए छह माह में 18 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। यह पहल ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान को मजबूती देने के साथ-साथ एक उत्तरदायी, पारदर्शी और प्रभावी पेंशन तंत्र की दिशा में बड़ा कदम है।
‘धरोहर’ में दिखेगी संस्था की गौरवगाथा

गैलरी में 1880 के दशक के दुर्लभ अभिलेख, स्वतंत्रता-पूर्व कालीन फर्नीचर, दशकों पुरानी कार्यालयीय वस्तुएँ और परमवीर चक्र विजेताओं को समर्पित अनुभाग शामिल हैं। दीवारों पर कार्यालय का ऐतिहासिक नेतृत्व, प्रतिष्ठित पुरस्कारों और योगदानों को सम्मानपूर्वक प्रदर्शित किया गया है। डॉ. मयंक शर्मा ने कहा कि “इस विरासत को जनता के सामने लाना सिर्फ इतिहास को सहेजना नहीं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का कार्य भी है।” उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के समर्पण को सराहते हुए उनसे इसी ऊर्जा और संवेदनशीलता के साथ सेवा जारी रखने का आह्वान किया।
पेंशनरों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में उन पेंशनरों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिनके मामलों को कार्यालय ने स्वतः संज्ञान में लेकर सुधार किया और लंबित लाभों के चेक प्रदान किए। यह कार्य केवल नई डिजिटल प्रणाली से संभव हो पाया। साथ ही देशभर में आयोजित 200 से अधिक आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से पेंशनरों तक सीधी पहुँच बनाई गई।
ऐतिहासिक विरासत को मिला नया जीवन
1920 के दशक में लाहौर से शुरू हुआ यह कार्यालय देश के विभाजन के बाद प्रयागराज स्थानांतरित हुआ था। आज यह गंगा तट पर 60 एकड़ क्षेत्र में फैले परिसर में अपनी ऐतिहासिक गरिमा के साथ कार्यरत है। इस अवसर पर प्रधान नियंत्रक श्री संदीप सरकार, नियंत्रक श्री रूपवंत सोनी और सब एरिया कमांडर मेजर जनरल राजेश भट्ट सहित अनेक गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे। धरोहर’ गैलरी और SPARSH प्रणाली मिलकर न केवल रक्षा लेखा विभाग की विरासत को सहेज रही हैं, बल्कि पेंशनरों के विश्वास को भी सशक्त आधार प्रदान कर रही हैं।