एलडीए ने चारबाग में होटल व्यापारियों को बताए नये बायलॉज के फायदे
लखनऊ ,संवाददाता : शहर में होटल का निर्माण कराना अब और आसान हो गया है। उत्तर प्रदेश भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के अंतर्गत अब होटल व्यवसाय के लिए भू-उपयोग (Land Use) की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। नए भवन उपविधियों के अनुसार, किसी भी प्रकार के लैंड यूज़ (आवासीय, वाणिज्यिक, मिश्रित आदि) में होटल का नक्शा पास कराया जा सकेगा। इससे न सिर्फ होटल व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी नई रफ्तार मिलेगी।
एलडीए ने होटल कारोबारियों से की बैठक
मंगलवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की टीम ने चारबाग में होटल व्यापारियों के साथ बैठक की। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर चल रहे जागरूकता अभियान के तहत आयोजित इस बैठक में संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह, जोनल अधिकारी वंदना पांडेय और मानचित्र सेल के सहायक अभियंता सतीश यादव उपस्थित रहे। अधिकारियों ने व्यापारियों को नए भवन निर्माण नियमों के फायदे समझाए और बताया कि: छोटे भूखंडों पर भी अब नक्शा अनुमोदन संभव है। ऑनलाइन पंजीकरण से समय और लागत दोनों की बचत होगी। आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति मिलने से आय के नए अवसर खुलेंगे। निर्माण क्षेत्र और ऊंचाई की छूट मिलने से कम जमीन में बड़े प्रोजेक्ट तैयार किए जा सकेंगे।
होटल के लिए अब नहीं चाहिए एनओसी
संयुक्त सचिव ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार की नई पर्यटन नीति के तहत: होटल व्यवसाय को वाह्य विकास शुल्क और प्रभाव शुल्क से मुक्त किया गया है। होटल, चिकित्सालय और पेइंग गेस्ट सुविधाओं के लिए एनओसी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। होटल व होम स्टे जैसे प्रोजेक्ट्स के लिए मानकों में छूट दी जा रही है, जिससे इस क्षेत्र में बड़े निवेश की संभावना है।
शमन मानचित्र की प्रक्रिया में रूचि
बैठक में मौजूद होटल कारोबारियों ने न्यू बिल्डिंग बायलॉज की खुले मन से सराहना की। व्यापारियों ने पहले से बने होटलों के लिए शमन मानचित्र पास कराने की इच्छा जताई और उसकी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी। एलडीए अधिकारियों ने उन्हें पूर्ण प्रक्रिया से अवगत कराया और हर सवाल का उत्तर भी दिया।