जरूरतमंद किसानों तक समय पर ऋण पहुंचाने के लिए महाभियान
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को विधानभवन में आयोजित समीक्षा बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की प्रगति को लेकर बैंकों और बीमा कंपनियों के अधिकारियों को कड़ी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई, 2025 तक विशेष महाभियान चलाकर हर पात्र किसान को केसीसी ऋण मुहैया कराया जाए, जिससे उनकी खेती से जुड़ी जरूरतें समय से पूरी हो सकें।
केसीसी योजना में ढिलाई पर जताई नाराजगी
बैठक में कृषि मंत्री ने लीड बैंक सहित सभी संबंधित बैंकों की केसीसी कार्यप्रणाली की समीक्षा की और प्रदर्शन पर असंतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि बैंकों की लापरवाही के चलते जरूरतमंद किसान ऋण से वंचित हो रहे हैं, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

श्री शाही ने बैंकों को निर्देश दिए कि 31 जुलाई तक केसीसी वितरण के लिए तेज़ी से कार्य करते हुए किसानों को लाभान्वित किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनजागरूकता के लिए मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए।
बीमा कंपनियों पर भी दिखी सख्ती
बैठक में कृषि मंत्री ने फसल बीमा कंपनियों के प्रति किसानों की लगातार मिल रही शिकायतों पर गंभीर रुख अपनाते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां तहसील स्तर पर कार्यालय स्थापित करें और वहां किसानों को समय पर सहायता उपलब्ध कराएं।
“अगर किसान को समय पर जानकारी, सहायता और समाधान नहीं मिलेगा तो योजनाएं निष्प्रभावी रह जाएंगी,” उन्होंने कहा।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
बैठक में कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, सचिव इंद्रविक्रम सिंह, कृषि निदेशक डॉ. पंकज त्रिपाठी, सांख्यिकी निदेशक सुमिता सिंह, सहित बैंक और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
समीक्षा बैठक के दौरान सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि केसीसी, फसल बीमा और अन्य कृषि कल्याण योजनाओं को जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से लागू किया जाए ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके।
सरकार की मंशा स्पष्ट: किसानों को हर संभव सहायता
कृषि मंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि मानती है और सभी संबंधित विभागों, बैंकों और बीमा एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी पात्र किसान को योजनाओं से वंचित न रखा जाए।
“यह अभियान केवल ऋण देने का नहीं, बल्कि किसानों के आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करने का अभियान है,” मंत्री ने कहा।