बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण-पत्र की वैधता को लेकर उत्पन्न शंकाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई

लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की अहम बैठक सोमवार को आयोग कार्यालय में अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर आयोग के उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, सदस्य सूर्य प्रकाश पाल, रमेश गौड़ कश्यप सहित सचिव मनोज कुमार सागर भी उपस्थित रहे।
आरक्षण को लेकर ऐतिहासिक निर्णय, विकास की दिशा में सार्थक पहल
बैठक में सहकारी समितियों में पिछड़े वर्गों को संविधान सम्मत 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया गया। आयोग ने सहकारी अधिनियम की धारा 29(5) और निर्वाचक नियमावली के नियम 28 का हवाला देते हुए यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि संचालन पदों पर भी पिछड़े वर्गों को उनका अधिकार पूर्ण रूप से मिले।
देववंशी जाति को केंद्रीय सूची में शामिल करने की प्रक्रिया तेज

देववंशी जाति को केंद्रीय पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल करने के विषय में भी बैठक में चर्चा हुई। यह तय किया गया कि चूंकि यह मामला राष्ट्रीय स्तर का है, अतः इसे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संदर्भित कर उचित कार्यवाही हेतु प्रत्यावेदन भेजा जाएगा।
मेरठ की घटना पर आयोग सख्त, जांच समिति गठित
बैठक में मेरठ के ग्राम पंचाली निवासी मनोज कश्यप और उनके परिजनों पर हुए हमले का मामला गंभीरता से उठाया गया। आयोग के सदस्य रमेश गौड़ कश्यप ने जानकारी दी कि स्थानीय प्रशासन ने अपेक्षित कार्रवाई नहीं की है। इस पर अध्यक्ष राजेश वर्मा ने 01 अगस्त को उपाध्यक्ष सूर्य प्रकाश पाल की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच समिति घटनास्थल पर भेजने का निर्णय लिया।
प्रमाण-पत्र की वैधता पर विशेष बैठक होगी आयोजित

अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण-पत्र की वैधता को लेकर उत्पन्न शंकाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। आयोग ने तय किया कि इस विषय पर प्रमुख सचिव, कार्मिक विभाग के साथ विशेष बैठक आयोजित कर समाधानपरक निर्णय लिए जाएंगे।
सकारात्मक पहल की ओर बढ़ता आयोग
बैठक में लिए गए निर्णय सामाजिक समरसता, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। आयोग का यह प्रयास न केवल सामाजिक न्याय की भावना को सुदृढ़ करता है, बल्कि पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम भी है।