महिलाओं के लिए 20% आरक्षण संगठनात्मक पदों में दिया है
लखनऊ, संवाददाता : वर्ष 2026 में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अपनी रणनीति तेज कर दी है। पार्टी इस बार प्रभावशाली और समर्थित उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। हाल ही में प्रदेश भर में जिला और शहर कांग्रेस कमेटियों के नव-निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम पूरे होने के बाद संगठन ने जनाधार मजबूत करने का अभियान तेज कर दिया है।
2021 में सपा को मिली थी बढ़त, भाजपा को गढ़ों में हार
पिछले 2021 के पंचायत चुनाव में सपा ने कई सीटों पर भाजपा को उसके गढ़ में मात दी थी।
- सपा समर्थित: 790 सीटें
- भाजपा समर्थित: 599 सीटें
- अन्य दल व निर्दलीय: 1247 सीटें
कांग्रेस उस चुनाव में केवल 59 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी।
2024 लोकसभा चुनाव की सफलता से उत्साहित कांग्रेस को हालिया लोकसभा चुनाव में मिली मजबूती से उत्साहित कांग्रेस अब पंचायत स्तर पर भी पैठ बनाने के लिए बूथ से लेकर जिला स्तर तक संगठन को सक्रिय कर रही है। संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत कांग्रेस ने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को प्राथमिकता दी है। महिलाओं के लिए 20% आरक्षण संगठनात्मक पदों में दिया है।
संविधान और सामाजिक न्याय को बनाएगी मुख्य मुद्दा
पार्टी अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्गों के बीच ‘संविधान बचाओ’ और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर जनसंपर्क अभियान चलाने जा रही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी अभी से मजबूत और क्षेत्रीय छवि वाले प्रत्याशियों की पहचान कर रही है ताकि भाजपा को चुनौती दी जा सके। 2021 के पंचायत चुनाव में कई प्रमुख जिलों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।
- अयोध्या: 40 में से सपा को 24 सीटें
- वाराणसी: भाजपा को सिर्फ 7, सपा को 15
- मथुरा और प्रयागराज में भी भाजपा पिछड़ी
- बसपा: 361 सीटें
- अपना दल (एस): 3
- सुभासपा और AAP को भी मिलीं 1-1 सीटें
गठबंधन और क्षेत्रीय समझौते संभव राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यदि कांग्रेस विपक्षी दलों से स्थानीय स्तर पर तालमेल बना लेती है, तो वह इस बार पंचायत चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।