केजीएमयू एक्सपर्ट से जानें कैंसर की ये जरूरी बारीकियां
लखनऊ, संवाददाता: सही उम्र में शादी और मां बनने से महिलाओं में स्तन कैंसर के जोखिम को कम करता है। 30 की उम्र तक शादी और 35 तक बच्चे का जन्म होना महिलाओं की सेहत के लिए फायदेमंद है। सही उम्र में शादी व बच्चे होने से जीवनकाल में मासिक धर्म चक्रों की संख्या कम हो जाती है। शिशु को छह माह तक स्तनपान भी कराना चाहिए। स्तनपान से फिगर बिगड़ने की धारणा भी गलत है। ये जानकारी शनिवार को केजीएमयू में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. नसीम अख्तर ने साझा की।
संस्थान के शताब्दी भवन के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग में स्तन कैंसर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने बताया कि स्तन में पड़ने वाली हर गांठ कैंसर नहीं होती। 80 फीसदी गांठें सामान्य होती हैं, लेकिन सभी गांठ की जांच कराना जरूरी है। इसे नजरअंदाज करना समस्या उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने बताया कि समय पर जांच और इलाज मिलने से स्तन कैंसर पीड़ित महिलाएं स्वस्थ जीवन जी सकती हैं, किंतु इलाज में देरी घातक हो सकती है।
5 से 10 फीसदी कैंसर अनुवांशिक
डॉ. नसीम अख्तर ने कहा कि स्तन कैंसर का कारण अनुवांशिक भी हो सकता है। पांच से 10 प्रतिशत स्तन कैंसर अनुवांशिक है। जिन महिलाओं को 40 साल से कम उम्र में स्तन कैंसर हो, ऐसे परिवार की सदस्य सर्तक रहें। ऐसे परिवार की महिलाओं को साल में एक बार स्तन की जांच करानी चाहिए। मैमोग्राफी जांच सबसे सुरक्षित है।
महिलाएं शर्म और झिझक छोड़ें
डॉ. समीर गुप्ता ने कहा कि महिलाएं स्तन में पड़ने वाली गांठ को लेकर शर्म और झिझक महसूस न करें। कैंसर रोग विशेषज्ञ की सलाह लें। उन्होंने कहा कि धूम्रपान, आरामतलबी और मोटापा कैंसर की एक वजह बन सकता है। डॉ. पुनीत प्रकाश ने बताया कि 10 साल पहले स्तन कैंसर को मात दे चुकी आधा दर्जन महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि सरकार की तमाम योजनाएं हैं जिनके तहत कैंसर मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है। इसमें असाध्य, आयुष्मान, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष से मरीजों को इलाज में मदद की जा रही है। कार्यक्रम में डॉ. राजीव गुप्ता, डॉ. समीर, डॉ. शिव राजन, रेडियोथेरेपी डॉ. मृणालिनी मौजूद रहीं।