कॉलोनियों में बढ़ रही घुसपैठ, लखनऊ रोहिंग्या संख्या एक लाख पार
लखनऊ,संवाददाता : राजधानी लखनऊ में विदेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ अब शहर की कालोनियों से लेकर नगर निगम तक में पहुंच चुकी है। प्रशासनिक रिपोर्ट्स और नागरिक शिकायतों के अनुसार, बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंगिया मूल के लोग असमिया पहचान की आड़ में शहर में रह रहे हैं और ड्राइवर, सफाईकर्मी से लेकर प्राइवेट कूड़ा कलेक्शन तक का काम कर रहे हैं।
इनमें से कई के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, बिजली-पानी कनेक्शन तक हैं, जिससे इनकी उपस्थिति वैध दिखती है। अधिकारियों का कहना है कि इनकी संख्या एक लाख से अधिक हो चुकी है, जो शहर की सुरक्षा और संसाधनों पर भारी पड़ रही है। गोमती नगर, इन्दिरा नगर, अलीगंज, ऐशबाग, रामनगर, धोबी घाट और हजरतगंज जैसे प्रमुख इलाकों में खाली पड़ी जमीनों पर झुग्गियां बनाकर ये लोग वर्षों से रह रहे हैं। ऐशबाग के रामनगर क्षेत्र में तो नाले, सड़क और फुटपाथ तक पर पक्के निर्माण कर लिए गए हैं। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि इन बाहरी लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। वोट बैंक की राजनीति के चलते इनके दस्तावेज़ वैध करवा दिए जाते हैं। नगर निगम और पुलिस के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के भी आरोप सामने आए हैं, जिससे कार्रवाई में ढिलाई देखी जा रही है।
प्रशासन सख्त, महापौर ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
एलएसए कंपनी की शिकायत पर नगर निगम की टीम ने जब इन्दिरा नगर क्षेत्र में इनकी ठेलियां जब्त कीं, तो इन लोगों ने कर्मचारियों पर हमला कर दिया। महापौर सुषमा खर्कवाल के मौके पर पहुंचने के बाद अवैध झुग्गियों को हटाया गया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए थे कि पूरे शहर में झुग्गियों के खिलाफ अभियान चलाया जाए। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेशी, रोहिंगिया और अन्य बाहरी नागरिकों को चिह्नित कर लिया गया है और इनको चरणबद्ध तरीके से राजधानी से बाहर करने की योजना पर काम हो रहा है। इन्दिरानगर और ऐशबाग क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया गया है और आगे भी ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।